Tuesday, June 15, 2021

*50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय रिसर्च ऑफर पाने वाले इंजीनियरिंग के छात्र को स्पांसरशिप की तलाश*

*विलक्षण प्रतिभा पर आर्थिक ग्रहण : इंजीनियरिंग के इस मेधावी छात्र को स्पांसरशिप की तलाश*

New Delhi: 
 
राहे अमल में जज्बए, कामिल हो जिनके साथ, खुद उनको ढूंढ लेती है मंजिल कभी कभी।। ऐसे दौर में जब समूचा विश्व कोरोना जैसी महामारी से पार पाने के लिए संघर्षरत है, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के 21 वर्षीय छात्र अभिषेक अग्रहरी ने प्रतिकूल परिस्थितियों को मात देते हुए अपनी उम्र से भी अधिक अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत 18 देशों के 55 प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से शोध से जुड़े कई रिसर्च ऑफर हासिल किये हैं। इंजीनियरिंग के अलावा उन्हें कई देशों के प्रतिष्ठित संस्थानों से गणित के क्षेत्र में भी शोध का प्रस्ताव मिला है। उनकी नज़रें अब देश के लिए ‘‘फ़ील्ड्स मेडल’’ और ‘‘नोबेल’’ लाने पर टिकी हैं और इसी दिशा में उनका सारा प्रयास समर्पित है।

अग्रहरी ने कहा, “विज्ञान और गणित के क्षेत्र में पूरे इतिहास में किसी को भी दोनों - नोबेल और फील्ड्स मेडल नहीं मिला है। केवल 4 वैज्ञानिकों - जे बार्डीन, एम क्यूरी, एल पॉलिंग और एफ सेंगर को 2 नोबेल पुरस्कार मिले हैं। शोधकर्ताओं को टोपोलॉजी के क्षेत्र में भी फील्ड्स मेडल से सम्मानित किया गया है। ब्लैकहोल्स फिजिक्स में रोजर पेनरोज़ और दो अन्य को 2020 में नोबेल दिया गया। इसलिए, मेरे शोध के क्षेत्र में पेनरोज़ डायग्राम्स का अत्यधिक उपयोग होता है”।

इतना ही नहीं, उन्हें आईआईटी जैसे भारत के उच्च तकनीकी शिक्षा संस्थानों से भी जुड़ने का मौका मिला है।

लॉकडाउन और कोरोना संकटकाल के बीच भी अपनी रिसर्च में जुटे रहे अभिषेक अग्रहरी को यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड इंग्लैंड, सीएनआरएस फ्रांस, पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका, इलिनाय विश्वविद्यालय अमेरिका, टेक्नीसीक यूनिवर्सिट म्यूनिख जर्मनी, तेल अवीव विश्वविद्यालय, बीजिंग कम्प्यूटेशनल साइंसेज रिसर्च सेंटर, चीन, शंघाई जिया टोंग विश्वविद्यालय, चीन, ग्यांगसांग राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, दक्षिण कोरिया, एडिलेड विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलियन स्कूल आफ पेट्रोलियम साइंसेज, यूनिवर्सिडाड पोलिटेकिनिका डी मैड्रिड, स्पेन, हेरियट-वॉट यूनीवेरिस्टी, एडिनबर्ग लिथुआनियाई ऊर्जा संस्थान, और एकक्टे-इंस्टीट्यूटो यूनिवर्सिटारियो डे लिस्बोआ, लिस्बन से रिसर्च इंटर्नशिप के ऑफर हैं।

गणित के क्षेत्र में शोध कार्यों के लिए उनके पास ऑस्ट्रेलियाई नेशनल यूनिवर्सिटी (ऑस्ट्रेलिया), मियामी विश्वविद्यालय (यूएसए), बुडापेस्ट यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इकोनॉमिक्स (हंगरी), द चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग (हांगकांग) और यूनिवर्सिटी ऑफ फेरारा (इटली) से भी ऑफर हैं।

अभिषेक ने गैस टरबाइन इंजन पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ काम किया है। आईआईटी बॉम्बे में फ्लूड स्ट्रक्चर इंटरेक्शन पर और आईआईटी कानपुर में तरल पदार्थ की गतिशीलता पर काम किया है। उनके पास आईआईटी, खड़गपुर, आईआईटी इंदौर और आईआईटी मद्रास से भी ऑफर है। उनके पास फिलहाल आफरों की संख्या उनके उम्र से भी अधिक है जो उनकी प्रतिभा का परिचायक है। 

अभिषेक अग्रहरी ने कहा कि ये आफर हासिल करना इतना आसान नहीं रहा। इसके लिए प्रतिभा के साथ साथ सम्बंधित विषय के बारे में व्यापक ज्ञान का होना बेहद जरूरी है। इसके लिए कई दौर के टेस्ट व इंटरव्यू के दौर से गुजरना पडता है। पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद ही प्रोफेसर आपको अपने लैब में आने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं।

अपनी रूचि के विषय के बारे में अभिषेक ने बताया कि मैं द्रव यांत्रिकी के व्यापक क्षेत्रों के अनुसंधान विशेष रूप से द्रव संरचना इंटरएक्शन सिद्धांत, प्लाज्मा भौतिकी, जल तरंग यांत्रिकी, गतिज सिद्धांत, गतिज समीकरण और मॉडल जैसे बोल्ट्जमान समीकरण, तरल पदार्थ गतिज युग्मित मॉडल, गणितीय सामान्य सापेक्षता के अलावा ब्लैक होल, गैर रेखीय तरंगों और गेज सिद्धांत के अचानक गुरुत्वाकर्षण पतन के कारण ब्लैक होल का निर्माण में सक्रिय रहा हूं।

अग्रहरी ने कहा कि “चूंकि मेरा सारा काम अनुसंधान उन्मुख है और एक बहु-विषयक होने के नाते मैं शुद्ध गणित, मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, सामग्री विज्ञान, भौतिकी और पेनरोज़ औपचारिकता से लेकर विभिन्न पहलुओं को सीखता हूं। मुझे विश्वास है कि मेरा शोध और काम अब से कुछ साल बाद फील्ड्स और नोबेल का मार्ग प्रशस्त करेगा।’’

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कोविड महामारी के दौरान भारत में आर्थिक चुनौती झेल रहे परिवारों के कई छात्र सफलता का शिखर प्राप्त करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष के छात्र अभिषेक अग्रहरी भी उनमें से एक हैं जो अपनी सफलता की कहानी को तराशने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

महामारी के दौरान पिछले एक साल में अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप और अन्य देशों के शीर्ष संस्थानों से विज्ञान और गणित की कई विधाओं में 55 से अधिक अंतरराष्ट्रीय शोध प्रस्ताव हासिल करने वाले अभिषेक के परिवार को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। शोध कार्य के लिए जनवरी, 2022 से प्रतिष्ठित विदेशी विश्वविद्यालयों का दौरा करने और अपने सपने - देश के लिए नोबेल पुरस्कार (विज्ञान में) और फील्ड मेडल जीतने को साकार करने के लिए उन्हें प्रायोजकों की तलाश है । 

अभिषेक ने कहा , "इसके लिए  विस्तृत शोध अध्ययन, लगनशीलता और वित्तीय सहायता के साथ साथ कठोर परिश्रम करना पड़ता है । विडंबना यह है कि आर्थिक रूप से कमजोर मेरा परिवार मेरे शोध कार्य के लिए आर्थिक समर्थन करने में सक्षम नहीं है। जीवन हमारे लिए कभी आसान नहीं रहा। पिछले साल मेरे पिता की नौकरी छूटने के बाद सारी परेशानियाँ शुरू हो गयीं। प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझ रहा परिवार गंभीर वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहा है”।

21 वर्षीय दिल्ली के बहु-विषयक छात्र ने कहा, “अभी मैं शुद्ध और अनुप्रयुक्त गणित से लेकर संघनित पदार्थ भौतिकी, सामग्री विज्ञान, रसायन विज्ञान और रासायनिक जीव विज्ञान तक विभिन्न अनुसंधान विषयों पर आठ संस्थानों के साथ रिमोटली कोलैबोरेशन कर रहा हूँ। मेरे पास जनवरी से अगले साल के लिए शीर्ष विदेशी विश्वविद्यालयों से कई प्रस्ताव निर्धारित हैं। मुझे अपने शोध संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रायोजकों की आवश्यकता होगी, ”

निर्णय नियति निर्धारित करते हैं। उन्होंने कहा, प्रारंभ में यह दुष्कर लग रहा था लेकिन एक बार चीजें स्पष्ट हो जाने पर सब कुछ आसान हो जाता है। छात्रों के लिए विज्ञान और गणित दोनों में शोध ऑफर प्राप्त करना दुर्लभ है, लेकिन अभिषेक इस संबंध में अर्हता प्राप्त करने वालों में से एक हैं।

अग्रहरी ने कहा, "विज्ञान और गणित के पूरे इतिहास में किसी को भी नोबेल और फील्डस मेडल दोनों नहीं मिला है। केवल 4 वैज्ञानिक - जे. बारडीन, एम. क्यूरी, एल. पॉलिंग और एफ सेंगर को 2 नोबेल पुरस्कार मिले हैं। शोधकर्ताओं को टोपोलॉजी के क्षेत्र में फील्ड मेडल से भी नवाजा जा चुका है और ब्लैकहोल फिजिक्स-2020 में नोबेल रॉजर पेनरोज़ को और संयुक्त रूप से रेइनहार्ड जेनज़ेल और एंड्रिया गेज़ को दिया गया। इसलिए, मेरे शोध के क्षेत्र में पेनरोज़ फोर्मलिजम का अत्यधिक उपयोग है," ।

अभिषेक हर दिन कुछ नया तलाशने की निरंतर इच्छा में विश्वास करते है। ’‘शोध ने मुझे शुरू से ही आकर्षित किया है क्योंकि मुख्यधारा में जो किया गया है उसका अनुसरण करना मुझे पसंद नहीं है। मैं लगातार कुछ नया तलाशना चाहता हूं।''

उन्होंने कहा कि उन्हें अपने शोध के लिए अन्य स्रोतों से अध्ययन करना होगा क्योंकि जिन विषयों पर वह ध्यान केंद्रित कर रहे हैं उन्हें स्नातक स्तर पर पढ़ाया नहीं जाता है और अधिकतर शोध पोस्ट-डॉक्टरल या पीएचडी स्तर के दौरान किए जाते है।

"वर्तमान में मैं मियामी विश्वविद्यालय, रटगर्स विश्वविद्यालय (दोनों संयुक्त राज्य अमेरिका में) और ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में शुद्ध गणित के क्षेत्र में कुछ अन्य विधाओं के साथ इम्पीरियल कॉलेज, लंदन/ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (रिमोटली) में ब्लैक होल के निर्माण पर काम कर रहा हूं ।"

अग्रहरी ने कहा , ''मैं द्रव यांत्रिकी के व्यापक क्षेत्रों में अनुसंधान में भी सक्रिय रहा हूं, विशेष रूप से द्रव-संरचना अंतःक्रिया सिद्धांत, प्लाज्मा भौतिकी, जल तरंग यांत्रिकी, गतिज सिद्धांत (गतिज समीकरण और मॉडल जैसे बोल्ट्जमैन समीकरण, द्रव गतिज युग्मित मॉडल), गणितीय सामान्य सापेक्षता, ब्लैक होल, गैर रेखीय तरंगों के अचानक गुरुत्वाकर्षण के पतन के कारण ब्लैक होल का निर्माण और गेज सिद्धांत, '' ।

उन्होंने आगे कहा, "मैं समरूपता, स्ट्रिंग सिद्धांत और क्वांटम क्षेत्र सिद्धांत को प्रतिबिंबित करने के लिए डिफरेंशियल ज्योमेट्री, प्रायिकता और स्टैटिस्टिक्स से लेकर लो डायमेंशनल टोपोलॉजी, बीजीय ज्योमेट्री और एनालिसिस तक शुद्ध गणित के लगभग सभी पहलुओं पर काम कर रहा हूं। "

उन्होंने कहा, "चूंकि मेरा सारा काम अनुसंधान उन्मुख है और एक बहु-विषयक होने के नाते मैं शुद्ध गणित, यांत्रिक और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, सामग्री विज्ञान, भौतिकी और पेनरोज़ औपचारिकता से लेकर विभिन्न पहलुओं को सीखता हूं। मुझे विश्वास है कि मेरे अनुसंधान का क्षेत्र अब से कुछ साल बाद फील्ड्स और नोबेल के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा '' ।

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