tag:blogger.com,1999:blog-55894446926348156352024-03-05T21:55:32.747-08:00DONGRE की डायरीडोंगरे की डायरी : रायपुर से पढ़िए...छिंदवाड़ा के मूलनिवासी पत्रकार और ब्लॉगर रामकृष्ण डोंगरे की ऑनलाइन डायरीChhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.comBlogger236125tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-44534294528775733482022-12-12T01:58:00.001-08:002022-12-12T01:58:05.077-08:00Rachna Dairy : मेरी कविता - खबरों का नशा | मेरी कविता - खबरों का नशा |खबरों में भी, नशा होता है।कुछ खबरों को पढ़नेसे नशा हो जाता है।लेकिन उस नशे से कुछ नहीं मिलता।ऐसी नशीली खबरों की संख्या बढ़ रही है,बढ़ाई जा रही हैताकि आप पर इसका नशाएक बार चढ़ जाए तो उतरे ना।ऐसी नशीली खबरों से बचें।नशा कीजिएअच्छी खबरों का, जिससे आपको कुछ हासिल हो।ज्ञान मिले, प्रेरणा मिले, आनंद मिले, मन को शांति मिले।बुरी खबरों कीदुनिया से दूर रहे।क्योंकिChhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-6251978666267921922022-12-11T09:01:00.001-08:002022-12-11T09:04:33.181-08:00Naidunia Raipur : नईदुनिया, नवदुनिया और जागरण के देशभर के संस्करणों में प्रकाशित - मेरा हौसला बड़ा है... स्टोरी लोकप्रिय समाचार पत्र दैनिक जागरण, नईदुनिया, नवदुनिया के देशभर में प्रकाशित संस्करणों में आज मेरी स्टोरी 'मेरा हौसला बड़ा है'... प्रकाशित हुई है।#firststoryinDainikJagran #FirststoryNaiduniaअंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस विशेष इस स्टोरी में मैंने देशभर की महिला पर्वतारोहियों से बात की है। इनमें हरियाणा की आदरणीय संतोष यादव, झारखंड की प्रेमलता अग्रवाल, उत्तर प्रदेश की अरुणिमा सिन्हा, मध्यप्रदेश की Chhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-63021047004511431902022-11-23T22:39:00.001-08:002022-11-23T22:39:35.808-08:00दिल्ली- नोएडा डायरी 2022 : आदरणीय देवप्रिय अवस्थी Devpriya Awasthi सर से आत्मीय मुलाकात ...
पत्रकारिता के वरिष्ठजनों से मुलाकात के क्रम में मैंने परम आदरणीय श्री देवप्रिय अवस्थी सर से मुलाकात की। अवस्थी सर से मेरी पहली मुलाकात साल 2006-07 में दैनिक भास्कर भोपाल में हुई थी, जब मैं माखनलाल यूनिवर्सिटी की ओर से लिखित परीक्षा देने गया था। यहां टेस्ट हमारा श्री अरुण आदित्य Arun Aditya सर ने लिया था। टेस्ट पास करने के बावजूद किन्हीं कारणों से हमारी ज्वाइनिंग अटक गई। इस Chhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-82137085083116809332022-11-14T23:13:00.001-08:002022-11-14T23:13:50.369-08:00पिताजी की पुण्यतिथि : काश आप आज हमारे बीच होते... || ॐ || पिताजी की 16 वीं पुण्यतिथि || ॐ |
आज मेरे पिताजी स्व. श्री संपतराव डोंगरे की 16 वीं पुण्यतिथि है। साल 2006 में 15 नवंबर को ही वे अचानक हम सभी को छोड़कर इस दुनिया से दूर चले गए। मुझे याद है वो मनहूस दिन। जब मुझे भोपाल में एमजे की पढ़ाई के दौरान खबर मिली कि पिताजी (भाऊ) को अटैक आया है। जल्दी घर आ जाओ। किसी तरह देर रात को छिंदवाड़ा पहुंचा। फिर सुबह गांव। घर पहुंचते तक Chhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-42802660203018953552022-06-21T02:28:00.001-07:002022-06-21T02:45:30.614-07:00Gust Writer : गुजरातियों के छत्तीसगढ और मध्य प्रान्त में आने की कहानीडाॅ. परिवेश मिश्रा
सन् 1882 में नागपुर से राजनांदगांव के बीच जब मीटरगेज रेल लाईन बिछाने का काम शुरू हुआ तब बीच का इलाका घने जंगलों और नदी नालों वाला, किन्तु आमतौर पर सपाट था। लाईन आसानी से बिछ गयी। सिर्फ एक हिस्सा छूट रहा था। गोंदिया के पास जहां मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ और महाराष्ट्र की सीमाएं मिलती हैं, वहां पहाड़ था और बिना सुरंग (बोगदा) बने लाईन नहीं जा सकती थी। प्रचलित कहानीChhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-53527514462923946492022-05-03T12:18:00.001-07:002022-05-03T12:18:55.133-07:00Women Journalist : भास्कर समूह के ऐलान से महिला पत्रकारों में नई उम्मीदें "महिलाएं काम के मामले में बहुत सिंसियर, ईमानदार होती है। वे हर टास्क को सिंसेरली पूरा करती है। जबकि पुरुष वर्ग के कई साथी हमेशा लापरवाही करते नजर आते हैं।" -------------------------हिंदी के एक बड़े समाचार पत्र समूह ने ऐलान किया है कि अगले 1 वर्ष में प्रिंट और डिजिटल के लिए 50 महिला पत्रकारों की नियुक्ति करेगा। पत्रकारिता में महिला की स्थिति बाकी फील्ड की तरह ही है। मतलब उंगलियों पर गिनने लायक नामChhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-43397349631733020242022-04-27T02:47:00.001-07:002022-04-27T03:03:38.784-07:00Bad Uncle: बैड अंकल से मम्मी को बचाओ, छत्तीसगढ़ महिला आयोग में नाबालिग बच्चियों ने लगाई गुहार इस खबर को ध्यान से पढ़िए। यह बेहद महत्वपूर्ण खबर है। विवाहेत्तर संबंध (extramarital affairs) का दर्द बच्चों को किस तरह से झेलना पड़ता है। इसका सटीक उदाहरण है।
छत्तीसगढ़ महिला आयोग (CHHATTISGARH Mahila Ayog) के पास कल एक अजीब मामला पहुंचा। इसमें दो बच्चियों ने आवेदन लगाया कि "बैड अंकल को हमारी मम्मी के पास से दूर करो"... रिपोर्टर ने इसी पंच लाइन से हमें इस खबर को बताया था।पूरी खबरChhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-85840959902272918082022-04-22T02:22:00.001-07:002022-04-22T02:27:36.128-07:00Naidunia Story : मां- बाप के रिश्ते हुए खराब, 17 साल का नाबालिग आठ साल तक रहा अपनों की 'कैद' मेंPlease call... प्लीज कॉल...मीडिया के साथियों को आने वाले फोन कॉल और ऐसे मैसेज कई बार किसी की कितनी मदद कर सकते हैं. इसका अंदाजा नहीं लगा सकते. अगर आपने समय पर उनका रिप्लाई कर दिया या उनसे बात कर ली तो....
📝 पत्रकार रामकृष्ण डोंगरे की कलम से... आज इस कहानी को शेयर कर रहा हूं. उसकी शुरुआत होती है 17 अप्रैल 2022 को जब मेरे एक परिचित का लगातार मेरे पास कॉल आ रहा था. जब मैं बात नहीं Chhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-15675676058192223192022-03-31T13:32:00.000-07:002022-04-02T00:41:21.039-07:00Goodbye Bhaskar : अलविदा भास्कर... दैनिक भास्कर के साथ अपनी पहली पारी को फिलहाल देता हूं विराम... दैनिक भास्कर रायपुर में अपने 8 साल से ज्यादा लंबे सफर को फिलहाल विराम दे रहा हूं। सितंबर 2013 में मैंने दैनिक भास्कर रायपुर ज्वाइन किया था। यहां मैं बतौर "सिटी डेस्क हेड" अपनी जिम्मेदारी निभाता रहा।
(दैनिक भास्कर रायपुर में आखिरी दिन। 31 मार्च 2022)इस दौरान भास्कर रायपुर में कई चेंजेज हुए, कई बदलाव हुए… *बदलाव, परिवर्तन प्रकृति का नियम है, जिसे शायद ही कोई रोक पाया है।
Chhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-17367309609598621762022-03-30T05:23:00.001-07:002022-03-30T10:10:17.607-07:00Mulaqaton ke Silsile : पूर्व वरिष्ठ रेडियो उद्घोषक अवधेश तिवारी जी से एक यादगार मुलाकात
(रेडियो के पूर्व वरिष्ठ उद्घोषक अवधेश तिवारी के साथ) पिछली छिंदवाड़ा यात्रा में 19 मार्च 2022 को इस बार श्री अवधेश तिवारी जी से मुलाकात करने का मौका मिला. अवधेश तिवारी जी से साल 2000 में पहली बार रूबरू मिलने का मौका मिला था। वैसे सन 1995 से उन्हें रेडियो पर सुना करते थे। आप रेडियो के जाने-माने एनाउंसर रहे हैं।इन दिनों सेवानिवृत्त होने के बाद साहित्य साधना में लगे हुए हैं। Chhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-84069322407958283272022-03-24T12:44:00.001-07:002022-03-24T12:44:41.976-07:00'बाबा' श्री संपतराव 'धरणीधर' : कविता में जीवन वृत्तदस मार्च उन्नीस सौ चौबीस मोहखेड़ में जन्में थे संपतराव धरणीधर। इन्हें प्रोत्साहित करने वाले थे, पिता इनके श्री बापूराव उर्फ तुकड़ों जी धरणीधर।
मात्र एक वर्ष की आयु में छोड़ गयी थी, माता इनकी अनुसुईया जी धरणीधर। पढ़ाई के लिए भटके थे आप, कभी मोहखेड़, कभी छिन्दवाड़ा तो कभी नागपुर। बी.ए. की उपाधि हासिल की थी आपने, उन्नीस सौ पैंसठ में विश्वविद्यालय सागर से।उब्बीस सौ Chhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-46074462479851030442022-03-11T01:45:00.001-08:002022-03-11T01:46:48.912-08:00Transgender : समाज की नफरत का परिणाम है ट्रांसजेंडर की हरकत... जानिए आखिर पूरा सच क्या है...
( तस्वीर साभार : गूगल से) (हमारे ये ट्रांसजेंडर साथी समाज की नफरत का परिणाम है। जब यह पैदा होते हैं तो समाज इन्हें नफरत भरी निगाहों से देखता है। और अपने घर से समाज से अलग कर देता है। बचपन से इन्हें प्रेम नहीं मिलता और यही वजह है कि इनके अंदर धीरे धीरे नफरत का गुबार भरते रहता है। और यह गुबार, गुस्सा जब तक सोसायटी के लोगों पर ही फूटते रहता है.)एक छोटे से वाकये के बाद आज दिल में ये Chhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-13420582600663253592022-03-07T21:54:00.002-08:002022-03-19T02:01:15.592-07:00Family Tree : *डोंगरे की परिवार की वंशावली... 10 पीढ़ियों का इतिहास, नारी शक्ति ही हर पीढ़ी की धुरी रही...*📝 *वरिष्ठ पत्रकार रामकृष्ण डोंगरे की कलम से*राजा भोज के वंशज और क्षत्रिय पवार (पंवार/परमार/भोयर) समाज से ताल्लुक रखने वाले हमारे परिवार की 10 पीढ़ियां का लेखा जोखा यहां दिया जा रहा है... *कामन महाजन डोंगरे और रे बाई डोंगरे* से लेकर अब तक के सभी परिवारजनों का रिकॉर्ड मौजूद है। कहने को हमारा समाज पितृसत्तात्मक है लेकिन परिवार को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी महिलाएं ही संभालती है। ये बात अलग है कि Chhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-79648372737808646252022-02-19T03:58:00.001-08:002022-02-19T04:35:24.215-08:00भागवत गीता सुनाने वाली अनोखी किताब, जानिए सबकुछ इसके बारे में || talking bhagavad gita दुनिया की पहली बोलती Talking भागवत गीता... * (संपर्क : 8103689065 वाट्सएप & फोन)*
भागवत गीता... *अब सिर्फ पढ़े नहीं बल्कि सुने भी...*11,200 रुपये मूल्य की ये श्रीमद भागवत गीता (Talking Bhagavad Gita with Wisdom Flute) बोलने वाली बांसुरी यानी इलेक्ट्रानिक डिवाइस के साथ आती है। चिप और सेंसर युक्त इस भागवत में कमाल की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। ये भागवत गीता संस्कृतChhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-28099903700244530642022-01-14T22:50:00.001-08:002022-01-15T05:04:23.216-08:00प्रज्ञा प्रसाद के वॉल से : कितना जरूरी है पैसा?
"रिश्ते-नाते सब हों, लेकिन भूख से बिलबिलाते या फिर अभावों में जीते, छोटी-छोटी खुशियों के लिए तरसते क्या हम प्यार कर सकते हैं? बच्चे को प्यार करें और उसे खराब स्थिति में देखें तो क्या अच्छा लगेगा? मां-बाप को ही प्यार करें और उनका टूटा चश्मा बनाने के लिए पैसे न हों, तो अच्छा लगेगा?"अक्सर प्यार, पैसे और रिश्तों की तुलना होते हुए आपने सुना होगा. अधिकतर लोगों का कहना है कि रिश्तों और प्यारChhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-26921717462674518722021-12-30T02:17:00.001-08:002022-03-10T12:14:16.400-08:00मेरी कविता : हिंदू राष्ट्र हर कोईहिंदू राष्ट्र बनाने में जुटा है... पूरी दुनिया कोहिंदू राष्ट्र बना दो।
(फोटो प्रतीकात्मक) मिटा दोपूरी दुनिया को।फिर अपने हाथ से बना दो।बना सकते हो?ये देशये दुनियाआज जिस रूप में हैउसे बनने मेंसदियां लगी है।... और सदियों मेंकोई बनाता है।तुम चाहकर भीपलभर में कुछ नहीं बना सकते. इसलिए इस मुगालते में मत रहो।हिंदू राष्ट्र, हिंदू राष्ट्र, हिंदू राष्ट्र... भूल Chhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-56039823469123971002021-12-21T10:49:00.002-08:002022-03-10T10:04:35.515-08:00सेकंड हैंड का जमाना गया, अब सबकुछ न्यू... न्यू...चाहिएआज (21 दिसंबर 2021) मैंने साढ़े 4 साल के बेटे दक्ष के लिए नई साइकिल खरीदी, ₹3500 में...अचानक अपने बचपन के दिन याद आ गए...। मिडिल क्लास फैमिली के लोग हमेशा सेकंड हैंड चीजें ही इस्तेमाल करते थे। मेरे पिताजी ने साल 1993-94 के आसपास सेकंड हैंड मोपेड लूना खरीदी थी ₹4000 में। इससे पहले जब मैं छठवीं क्लास में पहुंचा तो ₹250 में सेकंड हैंड साइकिल खरीदी थी. .... सिलसिला यूं ही चलता रहा.जब Chhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-15314924110926957892021-12-06T04:40:00.001-08:002021-12-06T04:40:24.456-08:00अच्छे आदमीअच्छे आदमीऔर बुरे आदमी के बीचजरा-सा अंतर होता है।मामूली फर्क होता है।मां-बाप की जरा-सी लापरवाही, उनके बच्चों कोअच्छे आदमी से बुरे आदमी में बदल देती है।इसलिए बच्चों को अपना दोस्त बनाएं, खुलकर बात करें।उनके मन में उठने वालेसभी सवालों का उन्हें जवाब दीजिए।बच्चों को गलत दिशा मेंजाने से रोकिए।वर्ना किसी इंजीनियर के लादेन या किसी युवा के गोडसे बनने में देर नहीं लगती।&Chhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-71518570271628689352021-12-03T08:48:00.001-08:002021-12-08T23:31:29.603-08:00DNE FB Post : ट्रेनी से डीएनई तक का सफर दैनिक भास्कर रायपुर से पहले मेरा सबसे लंबा समय हिंदी दैनिक अमर उजाला नोएडा में बीता। माखनलाल पत्रकारिता यूनिवर्सिटी भोपाल से 2005 साथ में एमजे की डिग्री कंप्लीट होने के बाद हमारा कैंपस अमर उजाला में हुआ था। मैंने 7 मई 2007 को अमर उजाला, नोएडा ज्वाइन किया था। प्रताप सोमवंशी सर ने हमारा कैंपस भोपाल आकर लिया था। जॉइनिंग के दिन हमारा इंटरव्यू ग्रुप एडिटर श्री शशि शेखर जी ने लिया था। उस दौरान Chhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-30291549764078917672021-11-04T23:50:00.001-07:002021-11-05T00:24:45.589-07:00कोरोना महामारी के बीच 'एक दीया उम्मीद का...'
*दीयों के बिना दीपावली का त्योहार अधूरा सा लगता है,**यहीं संदेश देने के लिए आयुषी ने बनाई अनोखी रंगोली*रायपुर। कोरोना के इस दौर में एक तरफ जहां दीपावली पर हर तरफ पटाखों का शोर है। वहीं राजधानी रायपुर की *भावना नगर कॉलोनी में रेसिडेंशियल सोसाइटी साईं सिमरन* की एक रंगोली चर्चा का विषय बनी हुई है। इसमें कोरोना महामारी से पनपते मायूसी भरे माहौल में हर हाथ में उम्मीद का एक दीया लेकर चलने का संदेश Chhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-81347072943086056362021-10-30T05:02:00.002-07:002022-03-10T10:07:43.579-08:00एक मुलाकात फिल्म डायरेक्टर-पत्रकार अविनाश दास से
‘मोहल्ला’ ब्लॉग से मुंबई में फिल्म डायरेक्टर तक का सफर..., इससे पहले पत्रकार रहे अविनाश दास Avinash Das जीसे रायपुर में एक छोटी-सी मुलाकात....अविनाश दास जी से पहला परिचय तो ब्लॉगिंग के जमाने में ‘मोहल्ला’ ब्लॉग से ही हुआ था। बाद में पता चला कि आप टीवी जर्नलिस्ट है और एनडीटीवी से जुड़े है। कुछ साल बाद आप भोपाल आ गए। लेकिन पहली मुलाकात दिल्ली में हुई ना भोपाल में।साल 2013 तक मैं अमरChhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-86918214515233876162021-09-14T23:42:00.001-07:002021-09-14T23:42:01.771-07:00मेरी फेसबुक पोस्ट : राम तेरे कितने नाम राम तेरे कितने नाम... नमस्कार दोस्तों...शुभचिंतकों ...आज मेरा जन्मदिन है. 'राम तेरे कितने नाम' ये मूवी सन 85 में रिलीज हुई थी. मेरा जन्म सन 78 में हुआ था. आज मैं 41वां जन्मदिन मना रहा हूं। आपमें से कई लोग मुझे 'राम' कह कर बुलाते हैं. कोई कृष्णा कहता है. कोई रामकृष्णा कहता है. लेकिन ज्यादातर लोग मुझे मेरे सरनेम यानी डोंगरे से 'डोंगरेजी' कहकर बुलाते हैं। यह बुलाने- पुकारने की शुरुआत Chhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-1830255941005363292021-08-31T14:10:00.002-07:002022-03-10T10:06:30.044-08:00मेरी कविता : बच्चों को अपना दोस्त बनाएं || बच्चों को अपना दोस्त बनाएं ||~~~~~~~~~~~~अच्छे आदमीऔर बुरे आदमी के बीचजरा-सा अंतर, मामूली फर्क होता है।माता-पिता की जरा-सी लापरवाही, उनके बच्चों कोअच्छे आदमी से बुरे आदमी में बदल देती है।इसलिए बच्चों को अपना दोस्त बनाएं, खुलकर बात करें।उनके मन में उठने वालेसभी सवालों का उन्हें जवाब दीजिए।बच्चों को गलत दिशा मेंजाने से रोकिए।वर्ना किसी इंजीनियर के लादेन या किसीChhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-75381375625985547672021-07-27T04:36:00.001-07:002021-07-27T04:36:09.400-07:00आप 'स्वर' साधने में यकीन करते हैं या 'सुर' .... साधना कितनी जरूरी है... और आप 'स्वर' साधने में यकीन करते हैं या 'सुर' .... स्वर और व्यंजन.... जीवन में संतुलन के लिए कुछ लोग स्वर साधते हैं. स्वर की साधना करते हैं। इससे उन्हें 'व्यंजन' मिलता है। कुछ लोग सुर की साधना करते हैं। यह साधना कुछ ज्यादा कठिन होती है। जीवन में संतुलन, बैलेंस बनाना, कितना जरूरी होता है। इस बात का अंदाजा आप इससे भी लगा सकते है कि कुछ लोग जीवनभर साधते ही रहतेChhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-38675927053615802672021-07-13T21:39:00.001-07:002021-07-13T21:39:13.061-07:00फेसबुक पोस्ट : दूसरों की मदद कीजिए जब आप दूसरों के लिए कुछ करते हैं,उसी पल खुशी की शुरुआत हो जाती हैं।किसी की मदद करने के लिए धन ही जरूरी नहीं होता।सिर्फ मन, वचन और कर्म से भी आप दूसरों की मदद कर सकते हो।मैंने अपने जीवन में किसी की भी बहुत बड़ी आर्थिक सहायता की हो। ऐसा मुझे याद नहीं आता। लेकिन किसी भी जरूरतमंद को नौकरी दिलाने में भरपुर मदद करता हूं। मैं पत्रकारिता के पेशे में हूँ और देशभर में जहां भी संभव होता है। वहां लोगों की Chhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.com0