*इस "सिस्टम" के आगे "मैं" लाचार हूं...*
*मन करता है, मार-मार कर चटनी बना दूं...*
✒️ *ब्लॉगर और पत्रकार रामकृष्ण डोंगरे*
(हर जागरूक नागरिक जल्द से जल्द कोरोना की वैक्सीन लगाना चाहता है। लेकिन सिस्टम की खामी, वैक्सीन स्लॉट बुक करने का टाइम फिक्स नहीं होने के कारण परेशान हो रहा है।)
दोस्तों,
इस सिस्टम के आगे मैं लाचार हो गया हूं.
इस सिस्टम का मैं क्या करूं.
इस सिस्टम का कोई चेहरा भी नजर नहीं आता।
अगर यह मेरे सामने आ जाए,
तो मैं मार-मार कर इसकी चटनी दूं।
लेकिन मुझे पता नहीं कि यह सिस्टम कौन है।
*अरे! आप क्या समझे...*
मैं "सीजी टीका" की बात कर रहा हूं। वैक्सीनेशन स्लॉट बुक करने के लिए मैं शाम 5 बजे से लेकर रात 11 बजे तक तो कभी कभी रात 3 बजे तक... इस सिस्टम को रिफ्रेश करते रहता हूं।
कि कभी तो कोरोना टीका लगाने के लिए स्लॉट बुक होगा। लेकिन, नहीं बुक होता। इस सिस्टम ने मुझे लाचार बना दिया है। ये सिस्टम ये भी नहीं बताता कि किस समय वैक्सीन के लिए अप्वाइंटमेंट बुक होगा।
मैं, यहां अकेला मैं नहीं हूं। मैं यहां हर छत्तीसगढ़ वासी है। जो टीका लगाने के लिए स्लॉट बुक करना चाहता है। एक तो वैक्सीन का टोटा, ऊपर से सिस्टम की ऐसी गड़बड़ी की वजह से आनलाइन स्लॉट बुक ही नहीं होता। क्या करें आदमी।
ऐसा सिस्टम बनाता कौन है और क्यों बनाता है कि आखिर में आम आदमी का सिस्टम से भरोसा उठ जाए। और वो उठ जाए।
©® *ब्लॉगर और पत्रकार रामकृष्ण डोंगरे*
_*नोट : हर छत्तीसगढ़ वासी का दर्द इस पोस्ट में नजर आ रहा है, जो वैक्सीनेशन के लिए स्लॉट बुक कराने की परेशानी झेलता है। कृपया पोस्ट जरूर शेयर कीजिएगा।*_
No comments:
Post a Comment