Tuesday, June 14, 2016

नेताओं के पीछे भागने से क्रांति आ पाएगी ?

मेरा अनुभव रहा है कि सामाजिक समारोहों में आजकल सामाजिक विषयों पर चर्चा करने, समाजजन के मन की बात सुनने का हमारे मंच संचालक के पास समय नहीं होता। किंतु नेता के इंतजार में हम घंटों समय बीता देते हैं। उनके भाषण की कोई समय सीमा नहीं होती।

यहाँ तक की समर्पित समाज सेवियों को पीछे छोड़ नेताओं के साथ फोटो खिंचवाने और वाट्सएप, फेसबुक, लोकल न्यूज़ पेपर पर उन्हें चमकाने में मसगुल रहते हैं। समाजजन से जनसंपर्क के लिए अपने पाँव घिसने की बजाय नेताओं के पीछे भागने से समाज मे क्या क्रांति आ पाएगी। समाज का भला हो पाएगा ?

कहते है charity starts from home (समाज सुधार की शुरूआत अपने घर से) किंतु जब नवयुवक समिति गठन की घड़ी आती है तो हम अपने लड़के-लड़कियों की पढ़ाई का ख्याल कर उन्हें छोड़ दूसरों के लड़के-लड़कियों की ओर नज़र दौड़ाते हैं l समाज को मजबूत करने समाजजन को सक्षम बनाना होगा, उसे नेताओं के पिछलग्गु बनने से नहीं तो जन जन को आधुनिक समय के अनुसार ढालने से ही संभव है।

हमारे बुजुर्गों ने समाज को शिक्षा की ओर अग्रसर किया। बैल गाड़ियों तथा साइकिलों से घूम-घूम कर चेतना लाई। समाजजन से गाँव-गाँव जाकर धन जमाया और छात्रावास उभारे, जो गोंदिया और बालाघाट में 40 -50 वर्षों तक हमारे युवाओं को आश्रय प्रदान करने सेवारत रहे।

आज हमारे कार्यकर्ता जो अपनी गाड़ी, कार को घर में रख संगठन के पैसे से टैक्सी से समाज सेवा करते नज़र आते हैं। हमने नेताओं से डोनेशन लेकर मंगल भवन बनाए और उन्हें चलाने धंधेवालों को सौप देते हैं। नाम पवार भवन और संचालन किसी और के द्वारा। और तो और समाजजन को किराए में कोई छूट नहीं।

जब नागपुर जैसी जगह हमारे दो विशाल भवन हैं जो पवार समाज के धन से बने हैं और उन्हें पवार संगठन चला सकते हैं, नागपुर जैसे शहर मे जहाँ एक दिन का समाज जन को 8 - 10 हजार में शादी ब्याह के लिए बड़ी सहूलियत से उपलब्ध हैं, फिर दूसरे शहरों में क्यों नहीं ?

ऐसी व्यथा हमारे समाजजन आए दिन व्यक्त करते रहते हैं l क्या सिर्फ राजा भोज की जय से सब साध्य हो जायेगा ? यदि राजनेता समाज की समस्याएं हल करने में सक्षम हैं तो फिर सामाजिक संगठनों की क्या आवश्यकता। जो नेता स्टेच पर सामूहिक विवाह पर जोशिला भाषण देते हैं और अपने पुत्र-पुत्रियों के विवाह मे सम्मिलित होना तो दूर पर बड़े-बड़े मैदान पर विशाल मंडप तान कर आयोजित किया जाता हैं। लाखों मेहमान, घोड़ा क्या ऊंट या हाथी पर दुल्हा विराजमान होता है। इधर अहेर प्रथा हमारी महासभा 1906 से निर्मूलन में जुटी है और उधर हम अहेर समेटने मिनी ट्रक हायर करते हैं। बारात के लिए दो-चार बस और 25-30 इनोवा, ट्रैक्सी कम पड़ती हैं।

हम बड़े गर्व से भाषण में कहते हैं कि पवारों में हुंडा नहीं है, दहेज नहीं है और हमारे नेताजी अपने दामाद को नई चमचमाती कार और लक्जरी फ्लैट देते है। इसलिए प्रारम्भ में मैंने कहा कि हर कोई चाहता है कि मैं उपदेश करूं और दूसरा फालोअप करें।

लेखक- डॉ. ज्ञानेश्वर टेंभरे
( आपकी किताब पवारी ज्ञानदीप, समाज के लिए काफी जानकारीपरक है।)


Thursday, June 2, 2016

ऐसा पहली बार कि कांग्रेसी खुश, जोगी समर्थक खुश और बीजेपी भी खुश

'छाया के शुभ कदम'

कॉफी हाऊस गॉसिप, रायपुर से

प्रदेश के सबसे नामचीन पालिटिकल गॉसिप की जगह कॉफी हाऊस में चर्चाओं में अजीत जोगी ही थी. नेता, ब्यूरोक्रेट्स, एक्टिवस्ट आकर यहां जोगी के कांग्रेस छोड़ने की खबर पर तरह तरह की चर्चाएं कर रहे थे. कुछ चर्चाएं बेहद दिलचस्प थीं.

एक ने कहा कि ''ऐसा पहली बार हो रहा है कि सभी खुश हैं. जोगी के बाहर जाने से कांग्रेसी के संगठन खेमे के नेता और कार्यकर्ता खुश हैं. जोगी की उपेक्षा से लंबे समय से आहत उनके समर्थक भी खुश हैं कि कुछ काम करने का मौका मिलेगा. बीजेपी भी खुश है कि दोनों की लड़ाई का फायदा उसे फिर से 2018 के विधानसभा चुनाव में होगा.

तभी दूसरे भाई साहेब ने कहा कि उन विधायकों का हाले दिल बयान करो जो जोगी समर्थक हैं. दूसरे नंबर के भाई साहेब ने अपना अनुभव सुनाया. उन्होंने कहा कि मैंने खबर देखी नहीं थी कि एक कांग्रेस के मित्र की कॉल आ गई और उन्होंने सलाह मांग ली कि किधर रहना चाहिए . भूपेश के साथ या जोगी के साथ. तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस बड़े महात्वाकांक्षी होते हैं. 2018 में जिन्हें कांग्रेस से टिकट नहीं मिलेगी वो थोक के भाव में जोगी के साथ जाएंगे और उनमें से कई जीत भी जाएंगे. जोगी ने अभी तक हर विधानसभा से तीन-तीन उम्मीदवारों की लिस्ट बना ली है. तभी तीसरे भाईसाहेब से रहा नहीं गया और उन्होंने कहा कि कुछ भी कहो छाया के कदम बड़े शुभ हुए. जो काम सालों तक कांग्रेस में बड़े दिग्गज नहीं कर पाए उसे छाया के आते ही कर दिया गया.

इस तरह की चर्चाएं दिन भर कॉफी हाऊस में होती रही. कोई जोगी को जनाधार वाला नेता बताता रहा तो उनकी तुलना वीसी शुक्ल से करता रहा. कोई बताता रहा कि आने वाले समय में जोगी की ही जय जय होगी. तो किसी ने कहा कि अब बीजेपी के शहरी वोट में जबरदस्त सेंधमारी होगी और थोक के भाव में कांग्रेस को वोट मिलेंगे.

साभार -पायनियर रायपुर फेसबुक पेज

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