Wednesday, February 13, 2008

पूछता है दिल बार-बार


पूछता है दिल बार- बार

पूछता है दिल बार-बार
कैसे होता है प्यार ?

तुम मुझे प्यार की परिभाषा
बतलाते हो.
मुझे नहीं सुननी
तुम्हारी प्यार की परिभाषा

मुझे पता है
क्या होता है

तुम बतला सकों
तो सिर्फ़ इतना बता दो
की कैसे होता है प्यार ?

मैं भी प्यार करके देखना चाहता हूँ
प्यार में जीने- मरने कि क़समें
मैं भी खा के देखना चाहता हूँ

अब मुझे नहीं रहा जाता

पूछता है दिल बार-बार
कैसे होता है प्यार ?



तृष्णा तंसरी
chhindwara/ 27-12-2003





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