Saturday, February 9, 2008

खुदा तुम्हें

खुदा तुम्हें महफूज रखें
ज़माने की निगाहों से.

गुजारो ना तुम कभी
पथरीली राहों से।

तृष्णा


chhindwara/ २२ सितम्बर, 2003

2 comments:

Ashish Maharishi said...

स्‍वागत है आपका

jitendra suryawanshi said...

bahut khoob yarr