हर कोई
हिंदू राष्ट्र बनाने में जुटा है...
पूरी दुनिया को
हिंदू राष्ट्र बना दो।
मिटा दो
पूरी दुनिया को।
फिर अपने हाथ से बना दो।
बना सकते हो?
ये देश
ये दुनिया
आज जिस रूप में है
उसे बनने में
सदियां लगी है।
... और सदियों में
कोई बनाता है।
तुम चाहकर भी
पलभर में कुछ नहीं बना सकते.
इसलिए इस मुगालते में मत रहो।
हिंदू राष्ट्र, हिंदू राष्ट्र, हिंदू राष्ट्र...
भूल जाओ...
©® रामकृष्ण डोंगरे तृष्णा
रचना काल : 30 दिसंबर 2021, रायपुर
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