डोंगरे की डायरी : रायपुर से पढ़िए...छिंदवाड़ा के मूलनिवासी पत्रकार और ब्लॉगर रामकृष्ण डोंगरे की ऑनलाइन डायरी
#रोज_एक_शायरी होता है अक्सर, ऐसा भी होता है। हम जागते है और ये जग सोता है। #रचना_डायरी #अधूरी_शायरी रचना काल और स्थान : 11 नवंबर 2003, नागपुर ©® रामकृष्ण डोंगरे #तृष्णा तंसरी
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