Saturday, October 4, 2025

डेढ़ दशक बाद डॉ. लक्ष्मीचंद सर से मुलाकात: पीजी कॉलेज, छिंदवाड़ा की स्मृतियां

भाग-दौड़ भरे दिन के पश्चात कल (चार अक्टूबर, 2025) रात लगभग 8:30 बजे एमए हिंदी के मेरे प्रिय शिक्षक आदरणीय डॉ. लक्ष्मीचंद सर से मुलाकात हुई। यह मिलन लगभग डेढ़ दशक के अंतराल के बाद हुआ। छिंदवाड़ा के पीजी कॉलेज से वर्ष 2004 में एम.ए. हिंदी की पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं (रामकृष्ण डोंगरे) भोपाल चला गया था।
सर ने बताया कि नरसिंहपुर रोड पर स्थित बिंद्रा कॉलोनी का यह नया मकान उन्होंने वर्ष 2005 में बनवाया था। मुझे याद है कि मैं कॉलेज के दिनों में उनके पुराने निवास पर भी जा चुका हूँ, जहां सर ने अपनी लाइब्रेरी से मुझे कुछ पुरानी और मूल्यवान किताबें भेंट की थीं, जो आज भी मेरे संग्रह का हिस्सा हैं। 

मुझे याद है कि मैं एक बार पहले भी इस नए मकान में आ चुका हूं। 2011 के बाद मैंने अपना फेसबुक अकाउंट खोला था। इसका मतलब है कि उसके बाद मेरी मुलाकात नहीं हुई है, क्योंकि मैं हर मुलाकात की यादें फेसबुक पर जरूर लिखता हूं। 
यद्यपि इस डेढ़ दशक के दौरान फोन पर हमारा लगातार संपर्क बना रहा, परंतु व्यक्तिगत रूप से मिलना एक सुखद अनुभव था। इस अवधि में सर ने छिंदवाड़ा जिले के विभिन्न कॉलेजों में अपनी उत्कृष्ट सेवाएं दी हैं।

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हिंदी विभाग की यादें
डॉ. लक्ष्मीचंद सर का व्यक्तित्व सरल और सहज है। उन्होंने हिंदी विभाग के कई सफल बैचों को पढ़ाया है। 
एक विशेष बात यह है कि आदरणीय सर रोज अपने गार्डन के फूलों की तस्वीर के साथ सुप्रभात का मैसेज भेजते हैं। हमें याद है कि वर्ष 2002-2004 के सत्र में सर के साथ-साथ गुप्ता मैडम, अवस्थी मैडम, पटवारी मैडम भी हमें पढ़ाया करती थीं। यह मेरे लिए गर्व का विषय था कि मैंने 73% के साथ अपनी कक्षा में टॉप किया था।

मुझे याद है कि हमसे पहले वाले बैच से इमरान खान जी पास आउट हुए थे, जो वर्तमान में हिंदुस्तान डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यह भी गौरतलब है कि पीजी कॉलेज छिंदवाड़ा की गिनती उन प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में होती है, जहां छत्तीसगढ़ की पूर्व राज्यपाल अनुसूइया उइके जी भी शिक्षा ग्रहण कर चुकी हैं।

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सांस्कृतिक और साहित्यिक उपलब्धियां 
कॉलेज से जुड़ी मेरी यादों में साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियां सर्वोपरि हैं। कॉलेज की पत्रिका 'निर्झरी' में मेरे आलेख और कविताएं प्रकाशित हुई थीं। इससे पहले डीसी कॉलेज की पत्रिका में भी मेरी कविता को स्थान मिला था। सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में भाग लेना एक महत्वपूर्ण अनुभव रहा। मैंने अपने मित्र दिग्विजय सिंह के साथ सामान्य ज्ञान प्रश्न मंच प्रतियोगिता में छिंदवाड़ा जिले का प्रतिनिधित्व किया था और सागर विश्वविद्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। जिले से प्रतिनिधि चयन के लिए गर्ल्स कॉलेज में एक कड़ी प्रतिस्पर्धा आयोजित की गई थी।

हमारा पीजी कॉलेज धर्म टेकरी पर स्थित है, जिसके नज़दीक ही आकाशवाणी छिंदवाड़ा और ऐतिहासिक राज्य बादल भोई संग्रहालय भी मौजूद हैं, जो इस क्षेत्र के सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाते हैं।

- वरिष्ठ पत्रकार रामकृष्ण डोंगरे, पूर्व विद्यार्थी, पीजी कालेज छिंदवाड़ा

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