सोशल मीडिया ने वैसे तो कई आंदोलन खड़े कर दिए। कई बदलाव भी ला दिए है। मगर दूसरी तरफ नफरत के बीज बोने में भी सबसे आगे हैं। ताजा उदाहरण एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के विरोध में आयोजित भारत बंद का है। जहां दर्जनों फेक तस्वीरें वायरल हो रही है।
नफरत फैलाने के लिए लोगों का खास हथियार है- फर्जी तस्वीरें, फेक पोस्ट। जिसे आम आदमी सच मान लेता है। आंख मूंदकर भरोसा कर लेता है।
गूगल पर सर्च करके सच जानने की जरा भी कोशिश नहीं करता है। कहेगा टाइम किसके पास। मगर घंटों फेसबुक या यूट्यूब पर टाइम बर्बाद कर देगा।
गूगल करने में एक से दो मिनट लगेंगे। सारी सचाई खुद ब खुद आपके सामने आ जाएगा। नफरत की आग भड़काने या फैलाने से पहले जरा सोचिए। रुकिए। और गूगल कीजिए...
तय आपको करना है...
आग फैलाना चाहते हो...
या आग बुझाना चाहते हो...
*पोस्ट अच्छी लगे तो ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिए।*
https://www.altnews.in/hindi/fake-photo-of-attack-on-police-sub-inspector-viral-on-social-media/
Tuesday, April 3, 2018
सोशल मीडिया पोस्ट : जरा सोचिए, रुकिए और गूगल कीजिए
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