Sunday, April 20, 2008
बेटी ही निकली परिवार की कातिल!
प्रेमी के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया
लखनऊ से अरविन्द शुक्ला, शनिवार, 19 अप्रैल 2008( 15:13 IST )
वह अपने आशिक से शादी करना चाहती थी, पर उसके घरवालों को यह मंजूर नहीं था। परिजनों के विरोध से वह बौखला गई और उसने अपने आशिक के साथ मिलकर खतरनाक योजना बना डाली... और एक रात उसने एक-एक कर अपने माँ-बाप समेत सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया।जनपद जेपीनगर में गत 14-15 अप्रैल की रात अल्पसंख्यक समुदाय के एक ही परिवार के 7 लोगों की कुल्हाड़ी मारकर की गई नृशंस हत्या का पुलिस ने पर्दाफाश कर घर की ही सदस्य शबनम और आशिक सलीम को गिरफ्तार कर लिया है।
हत्याकांड की मुख्य वजह शबनम और उसके आशिक सलीम के विवाह का शबनम के परिवार वाले विरोध कर रहे थे क्योंकि सलीम कक्षा छठी पास था और उसकी आर्थिक व सामजिक स्थिति अच्छी नहीं थी। दोनों ही अभियुक्तों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।पिछले दिनों जब एक ही परिवार के सात लोगों की नृशंस हत्या हुई तो घर की एक सदस्य शबनम (24) छत पर सो रही थी, वो बच गई थी। तब पुलिस ने हत्याकांड के पीछे जमीन विवाद बताया था।
हत्याकांड में शौकत अली पुत्र रमजानी, उसकी पत्नी हाशमी, पुत्र अनीश तथा राशिद, बहू अंजुम, पोता अर्श और राबिया पुत्री साबिर की मौत हो गई थी। थाना हसनपुर में अज्ञात लोगों के खिलाफ के खिलाफ मामला पंजीकृत किया गया था।
अल्पसंख्यक परिवार में हुए सामूहिक हत्याकांड से मुख्यमंत्री मायावती भी विचलित हो गई थीं और उन्होंने स्वयं घटनास्थल का दौरा कर मामले का पर्दाफाश करने के निर्देश दिए थे। शनिवार को घटना का खुलासा करते हुए पुलिस महानिदेश विक्रमसिंह ने बताया कि जिस परिवार में सामूहिक हत्याकांड हुआ था, की स्थिति को देखते हुए लग रहा था कि उन लोगों की हत्या बेहोशी की हालत में की गई थी क्योंकि मौके पर हत्या के समय सघंर्ष का कोई निशान नहीं दिख रहा था तथा प्रवेश द्वार लोहे का बना था, जिसे भीतर से ही खोलकर प्रवेश मिल सकता था।
स्थानीय पुलिस के अतिरिक्त इस मामले में एसओजी मुरादाबाद व बिजनौर की टीमें लगाई गई थीं और जाँच के दौरान लगभग 50 लोगों से पूछताछ की गई थी। रंजिश का कोई मामला सामने न आने पर पुलिस की निगाह शबनम पर टिक गई। शबनम और उसके मित्रों के संबंध में जानकारी एकत्रित करने और उसके द्वारा प्रयोग में लाए गए मोबाइल फोन कॉल डिटेल निकलवाकर जब पुलिस ने गहरी छानबीन की तो सलीम पुत्र अब्दुल रऊफ निवासी बाभनखेड़ी थाना हसनपुर जेपीनगर से उसकी निकटता सामने आई और पता चला कि पिछले डेढ़ माह में उन्होंने आपस मे 900 से अधिक बार फोन पर बातचीत की।
सलीम ने पूछताछ के बाद अपना अपराध स्वीकार कर लिया और बताया कि उसके शबनम से प्रेम संबंध हैं और वह उससे विवाह करना चाहता है।इस बात की जानकारी होने पर शबनम के परिवार वालों ने सलीम से शबनम के मेलजोल पर पाबंदी लगा थी। सलीम ने दो सिमकार्ड शबनम को दिए, जिससे उसकी लगातार बातचीत हो सके। सलीम आरामशीन चलाता है। उसकी आर्थिक व सामाजिक स्थिति अच्छी नहीं है, जबकि शबनम के परिवार की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक स्थिति अच्छी थी। इसलिए शबनम परिजनों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। इसी वजह से सलीम और शबनम ने मिलकर पूरे परिवार को समाप्त करने की योजना बनाकर इस घटना को अंजाम दिया।
घटना के दिन सलीम ने शबनम को नींद की दवा बायापोज का एक पत्ता दिया, जिसे शबनम ने रात खाना खाने के बाद चाय में मिलाकर परिवार वालों को पिला दिया और उनके बेहोश हो जाने पर सलीम को बुलाया। बाद में सलीम ने सभी व्यक्तियों के गले पर कुल्हाड़ी से प्रहार कर हत्या कर दी।पुलिस ने शबनम को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिसने पूछताछ के दौरान घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है।
पुलिस ने घटना में प्रयुक्त कुल्हाड़ी सलीम की निशानदेही पर पास के ही तालाब से बरामद कर ली है। सलीम द्वारा पहनी गई खून से सनी कमीज और शबनम द्वारा घटना के वक्त पहना गया सलवार-कुर्ता और नींद की गोली का रैपर घर से ही बरामद किया गया है।
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