|| छोड़ो इन बातों को ||
कुछ आदमी तक खरीद लेते है...
कुछ आदमी बिक भी जाते है...
लेकिन छोड़ो, इन बातों को...
मुश्किल दौर है कोरोनाकाल में...
खजाना भी हो आपके पास तो
जरूरत पड़ने पर हास्पिटल में बेड,
वेंटिलेटर, आक्सीजन, इंजेक्शन-दवा
तक नहीं खरीद पाओगे।
...क्योंकि उस वक्त बिकने के लिए
ये सब चीजें उपलब्ध नहीं होगी।
सब खरीदने की हैसियत रखने वाला
आदमी उस वक्त अपनी चंद सांसों के
लिए भी बेबस नजर आता है।
©® *रामकृष्ण डोंगरे तृष्णा*
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