Tuesday, December 5, 2017

रोज एक शायरी

खेलने को तुमको एक खिलौना चाहिए था,
कमबख्त तुमको बस दिल मेरा चाहिए था।

#अधूरी_शायरी #रचना_डायरी

रचना समय : 14 नवंबर 2017, रायपुर, छत्तीसगढ़

©® रामकृष्ण डोंगरे 'तृष्णा' तंसरी


No comments: