- पत्रकारों को इलाज की सुविधा मुहैया कराने ट्रस्ट बनाने की जरूरत : अनिल पुसदकर
- बीमारी के लिए खराब रूटीन जिम्मेदार, अपना और साथियों का ख्याल रखें : जिनेश जैन
रायपुर। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि से पढ़ाई करने वाले पत्रकार
सुदीप सिन्हा की याद में रायपुर के प्रेसक्लब में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
किया गया। इस मौके पर पत्रिका छत्तीसगढ़ के स्टेट एडिटर श्री जिनेश जैन और
प्रेस क्लब के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार श्री अनिल पुसदकर विशेष तौर पर मौजूद
थे।
इस मौके पर पत्रिका में सुदीप के सहकर्मी रहे मिथिलेश मिश्र, अभिषेक राय, संतराम साहू, दयानंद यादव, सुनील नायक, जितेंद्र दहिया, विजय देवांगन ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा आईबीसी-24 से राजीव कुमार, प्रज्ञा प्रसाद, दैनिक भास्कर से रामकृष्ण डोंगरे, पंकज साव, पुष्पम कुमार, शेखर झा समेत पत्रकार साथी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन रामकृष्ण डोंगरे ने किया।
रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष पुसदकर ने कहा कि बीमारी के चलते युवा पत्रकार सुदीप सिन्हा की असामयिक मौत काफी दुखद है। हमें पत्रकारों को इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ट्रस्ट बनाने की पहल करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम पत्रकार पूरे समाज का ख्याल रखते हैं। उनके मुद्दे उठाते हैं मगर खुद अपना या अपने साथियों की खबर नहीं रखते। आखिर में हमें उनकी अर्थी उठाने जैसी नौबत आ जाती है। हमें मिलजुल रहना चाहिए। एक-दूसरे का ख्याल रखना चाहिए।
पत्रिका ने स्टेट एडिटर जिनेश जैन ने सुदीप के जज्बे और लगन को याद करते हुए बताया कि एक बार उन्होंने उससे कहा था कि तुम जहां-जहां जाओगे, मैं वहां-वहां तुम को मिलूंगा। इसके पीछे वजह यह थी कि पत्रिका के जयपुर, भोपाल और रायपुर में सुदीप उनके साथ काम करते रहा।
वे सुदीप सिन्हा की मौत जैसी घटनाओं के लिए पत्रकारों के अनियमित रूटीन को जिम्मेदार मानते हैं। उन्होंने कई बातें शेयर की। बताया कि किस तरह से सुदीप समर्पण के साथ काम करता था। सब मुद्दों पर डिस्कस करता था, गाइडेंस मांगता था। सीनियर साथियों से चर्चा करता था। श्री जैन ने कहा कि सुदीप से उनका 9 साल पुराना परिचय था मगर उसने अपनी बीमारी के बारे में कभी खुलकर नहीं बताया था।
श्री जैन ने कहा कि सुदीप कभी अपनी बीमारी का बहाना बनाकर कामचोरी नहीं करता था। उसने जिद करके रायपुर पत्रिका में स्टेट ब्यूरो में रिपोर्टिंग करने की जिम्मेदारी मांगी। उसे पूरी तरह से निभाया भी। उन्होंने सुदीप के बारे में कई और बातें शेयर की।
इस मौके पर पत्रिका में सुदीप के सहकर्मी रहे मिथिलेश मिश्र, अभिषेक राय, संतराम साहू, दयानंद यादव, सुनील नायक, जितेंद्र दहिया, विजय देवांगन ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा आईबीसी-24 से राजीव कुमार, प्रज्ञा प्रसाद, दैनिक भास्कर से रामकृष्ण डोंगरे, पंकज साव, पुष्पम कुमार, शेखर झा समेत पत्रकार साथी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन रामकृष्ण डोंगरे ने किया।
रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष पुसदकर ने कहा कि बीमारी के चलते युवा पत्रकार सुदीप सिन्हा की असामयिक मौत काफी दुखद है। हमें पत्रकारों को इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ट्रस्ट बनाने की पहल करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम पत्रकार पूरे समाज का ख्याल रखते हैं। उनके मुद्दे उठाते हैं मगर खुद अपना या अपने साथियों की खबर नहीं रखते। आखिर में हमें उनकी अर्थी उठाने जैसी नौबत आ जाती है। हमें मिलजुल रहना चाहिए। एक-दूसरे का ख्याल रखना चाहिए।
पत्रिका ने स्टेट एडिटर जिनेश जैन ने सुदीप के जज्बे और लगन को याद करते हुए बताया कि एक बार उन्होंने उससे कहा था कि तुम जहां-जहां जाओगे, मैं वहां-वहां तुम को मिलूंगा। इसके पीछे वजह यह थी कि पत्रिका के जयपुर, भोपाल और रायपुर में सुदीप उनके साथ काम करते रहा।
वे सुदीप सिन्हा की मौत जैसी घटनाओं के लिए पत्रकारों के अनियमित रूटीन को जिम्मेदार मानते हैं। उन्होंने कई बातें शेयर की। बताया कि किस तरह से सुदीप समर्पण के साथ काम करता था। सब मुद्दों पर डिस्कस करता था, गाइडेंस मांगता था। सीनियर साथियों से चर्चा करता था। श्री जैन ने कहा कि सुदीप से उनका 9 साल पुराना परिचय था मगर उसने अपनी बीमारी के बारे में कभी खुलकर नहीं बताया था।
उन्होंने कहा कि जिस दिन सुदीप की मौत की खबर मिली वे गमगीन हो गए। वे कहते हैं कि पत्रकारों को अपने रूटीन का खास ख्याल रखना चाहिए। यानी हमेशा घर से ही खाना खाकर बाहर निकलना चाहिए। चाहे जो भी घर में बना हो। वर्ना बाहर जाने के बाद खाना मिलेगा, कब मिलेगा कुछ भी पक्का नहीं होता।
श्री जैन ने कहा कि सुदीप कभी अपनी बीमारी का बहाना बनाकर कामचोरी नहीं करता था। उसने जिद करके रायपुर पत्रिका में स्टेट ब्यूरो में रिपोर्टिंग करने की जिम्मेदारी मांगी। उसे पूरी तरह से निभाया भी। उन्होंने सुदीप के बारे में कई और बातें शेयर की।
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