'उल्टा तीर पत्रिका' का दूसरा अंक "दिनकर"
'उल्टा तीर पत्रिका' का दूसरा अंक "दिनकर" प्रकाशित हो चुका है । उल्टा तीर अपने सभी सुधि पाठकों और "दिनकर" में रचनात्मक व प्रेरणात्मक योगदान देने वाले रचनाकारों, टिप्पणीकारों का दिल से आभार व्यक्त करता है। "जश्न-ए-आज़ादी" पत्रिका के बाद अब "दिनकर" पत्रिका पढिये पूरे महीने भर। और भाग लीजिये उल्टा तीर पर जारी बहस में। उल्टा तीर की पत्रिका पढने के लिए "दिनकर" पर क्लिक कीजिए।
आभार;
अमित के. सागर
No comments:
Post a Comment