Wednesday, July 2, 2008

आचार्य डॉ प्रभुदयालु अग्निहोत्री का देहावसान

आचार्य डॉ प्रभुदयालु अग्निहोत्री का देहावासान

भोपाल । सुविख्यात साहित्यकार एवं अनेक भाषाओं के प्रकाण्ड विद्वान आचार्य डॉ. प्रभुदयालु अग्निहोत्री का 5 जून 2008 की देर रात देहावसान हो गया। वरेण्य पीढ़ी के डॉ. अग्निहोत्री का जन्म 30 मार्च 1913 को उत्तरप्रदेश में हुआ था।

महात्मा गांधी, लाला लाजपतराय, पंडित दीनदयाल मालवीय जैसे महापुरुषों के सानिध्य में डॉ. अग्निहोत्री ने स्वाधीनता आन्दोलन में भी भाग लिया। अनेक पुरस्कारों और सम्मानों से विभूषित डॉ. अग्निहोत्री वेदों और उपनिषदों के भी उद्भट विद्वान थे। वे जबलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति और मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी के संस्थापक निदेशक जैसे अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।

आचार्य प्रभुदयालु अग्निहोत्री विगत लम्बे समय से अस्वस्थ थे। हालत अधिक खराब होने पर उन्हें एक निजी चिकित्सालय में भरती करवाया गया था, जहाँ एक दिन पूर्व ही संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने उनसे मिलकर स्वस्थ होने की कामना की थी।
६ जून को भोपाल के सुभाषनगर स्थित विद्युत शवदाहगृह में उनके पुत्र विवेक अग्निहोत्री ने अन्तिम संस्कार किया।

डॉ. अग्निहोत्री की पुत्रवधु (सिने अभिनेत्री) पल्लवी जोशी सहित भोपाल के अनेक साहित्यकार, बुद्धिजीवी और समाज के सभी वर्गों के लोग उनकी अन्तिम यात्रा में शामिल हुए।

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