Sunday, March 30, 2008

अपनी बात

दोस्तों
के बहुत अनुरोध के बाद
पवारी साहित्य से एक कविता
तमाम पाठको के लिए लाया हूँ ...

अगर आपको पसंद आती है
तो
सिलसिला जारी रखने की कोशिश करूंगा ...

पवारी साहित्य में गीत , कहावत , और भी बहुत कुछ है ...
पवार जाति के बारे में आपको कुछ जानकारी मैं बीच - बीच में देता रहूगा ...
इसी वादे के साथ अभी मुझे इजाजत दीजिये ...
नमस्कार... ।


तृष्णा

http://dongretrishna.blogspot.com

1 comment:

Udan Tashtari said...

अगर भावानुवाद दे दें तो बहुत सार्थक हो जायेगा आपका प्रयास. मात्र निवेदन है.