आज मैंने बीड़ी खरीदी। आप पूछेंगे क्यों? तो आपको मैं विस्तार में बताता हूं। ये बीड़ी मैंने पितृपक्ष में श्राद्ध पूजा के लिए खरीदी थी। समझने वाले, समझ गए होंगे।
पितृपक्ष में हमारे स्वर्गवासी परिजनों के लिए हम श्राद्ध रखते हैं. वे जो चीज इस्तेमाल करते थे, उन चीजों को भी पूजा में रखते हैं. मेरे पिताजी बीड़ी पीते थे. साल 2006 में हार्ट अटैक की वजह से वे हमारे बीच नहीं रहे.
मैंने लगभग 20 से 25 साल के बाद बीड़ी खरीदी होगी. जब मैं गांव में था। छोटा था। तब पिताजी के लिए खरीदकर लाता था। यहां पर मैं यह कहना चाहता हूं कि कभी भी अपने बच्चों से बीड़ी, सिगरेट, शराब नहीं मंगवानी चाहिए। ना ही उनके सामने इनका सेवन करना चाहिए। क्योंकि उनमें भी यह ऐब, नशा लग जाता है।
हालांकि हम सभी भाइयों में ये बुरी आदत नहीं है। ये भी हमारी खुशकिस्मती है।
पता नहीं क्यों? मेरे मन में बार-बार ये सवाल आता है कि लोग नशा क्यों करते क्यों करते हैं? एक बार मेरे एक रिश्तेदार ने मुझे ड्रिंक लाने के लिए भेजा था. जब मुझे इसके बारे में भी ज्यादा कुछ नहीं पता था. उस वक्त मैं कॉलेज में था. साल था 1998. जब मैं एक बियर शॉप में गया तो उन्होंने मुझे खुली शराब एक बोतल में डाल कर दे दी। जब मैं उन रिश्तेदार के पास पहुंचा तो उन्होंने मुझे डांटा, कहा- ऐसे भी कोई शराब लाता है। और फिर यह क्रॉस चेक करने के लिए कि कहीं उस शराब में कोई मिलावट तो नहीं है। वे मुझे लेकर उस बियर शॉप तक लेकर गए, जहां से मैंने वो शराब खरीदी थी। फिर तसल्ली होने के बाद हम वापस आ गए।
बचपन में जब हम बीड़ी पीने का नाटक करते थे। (सचमुच की बीड़ी नहीं, एक सन-पटसन का पेड़ होता है, जिससे जूट रस्सी निकलती है। उसकी लकड़ी सरकंडी को जलाकर धुआं बाहर फेंकते हैं। तब मेरे मोहल्ले के एक चाचा ने मुझे बहुत डांटा। शायद वही एक डांट थी, जिसने मुझे उस राह पर पर जाने से रोका।
जब मैं साल 2004 में भोपाल पहुंचा। तब मेरे आस-पास सारे पत्रकार साथी थे। हमारे रूम में भी आते थे। खूब बीयर पार्टी चलती थी। और सब मुझे मुझे कहते थे- "कैसे पत्रकार हो। शराब नहीं पीते हो। चलो शराब पियो और मैं हाथ भी नहीं लगाता था. किसी ने मेरे साथ जबरदस्ती नहीं की कि तुमको पीना ही पड़ेगा. अगर आपके दोस्त आपको इस नशेड़ी दुनिया में धकेलना ना चाहे तो आप बच सकते हो।
अभी टीवी पर आशिकी-2 मूवी देख रहा हूं। क्या बकवास मूवी है। (आप समझ गए होंगे मैं कहना क्या चाहता हूं) इसमें गानों के अलावा कुछ भी अच्छा नहीं है। क्या शराबी और शराब की दुनिया दिखाई है इस फिल्म में। नशा कोई भी हो। किसी के लिए भी अच्छा नहीं होता। क्यों हम नशा करते करते हैं? इस नशे से अपनों को बचाने के लिए हमें हर संभव काम करना चाहिए।
नशा कितने घरों को बर्बाद कर देता है। कितने लोगों की खुशहाल जिंदगी को उजाड़ देता है। ये हम सब जानते हैं। मगर फिर भी कुछ लोग नशे की आदत को छोड़ना नहीं चाहते। वे इस दलदल में कितने धंस जाते हैं कि बाहर ही नहीं निकल पाते। अगर आपको नशे की बुरी लत है तो अपने बच्चों को इससे बचाने के लिए हमेशा समझाएं. कि यह बुरी आदत है. इसे कभी ना अपनाए. उनसे कहे कि आप भी यह नशा करना छोड़ना चाहते हैं. छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
©® रामकृष्ण डोंगरे
(मेरी फेसबुक पोस्ट)
Wednesday, September 9, 2020
मेरी फेसबुक पोस्ट : आज मैंने बीड़ी खरीदी
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