Friday, August 18, 2017

वो लम्हा जरूर याद आता है

कोई आता है,
कोई जाता है।

वक्त-बे-वक्त
वो लम्हा जरूर याद आता है....

कोई रुलाता है,
कोई हंसाता है।

वो लम्हा जरूर याद आता है....

कोई याद रहता है,
कोई भूल जाता है।

वो लम्हा जरूर याद आता है...

|| अभी-अभी ||

रामकृष्ण डोंगरे #तृष्णा
18 अगस्त 2015
#रचना_डायरी


1 comment:

संजय भास्‍कर said...

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति :)
बहुत दिनों बाद आना हुआ ब्लॉग पर प्रणाम स्वीकार करें