सबरी दुनिया ओकीच सा
ज्यु हासनो जानस आय
उजारो बि ओकोच सा
ज्यु दियो जलानो जानस आय
हर जघा मंदिर, मज्जित, गुरुद्वारो सा l
पर भगवान त ओको च सा
ज्यु "माथो" नवानो जानस आय
पवारी अनुवाद : पंकज चौधरी
सारा जहां उसी का है
जो मुस्कुराना जानता है
रोशनी भी उसी की है
जो शमा जलाना जानता है
हर जगह मंदिर मस्जिद ,गुरूद्वारे है।
लेकीन इश्वर तो उसीका है जो
"सर" झुकाना जानता है..
मूल रचना
Monday, May 30, 2016
ज्यु माथो नवानो जानस आय
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