दैनिक भास्कर रायपुर, 4 दिसंबर, 2014 |
कानपुर की मासूम के सिर से कुछ महीने पहले मां का साया उठा, सुकमा के नक्सली हमले में पिता की शहादत ने उसे पूरी तरह तन्हा कर दिया। कहीं चार बहनें अपने इकलौते भाई को तकती रहीं, तो कहीं शादी से पहले ही जीवनसाथी छूट गया। आठ शहरों में शहीदों के शव पहुंचे तो भास्कर ने वहां का दर्द महसूस किया। उन्हीं शहरों से रिपोर्ट।
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