इस खबर को ध्यान से पढ़िए। यह बेहद महत्वपूर्ण खबर है। विवाहेत्तर संबंध (extramarital affairs) का दर्द बच्चों को किस तरह से झेलना पड़ता है। इसका सटीक उदाहरण है।
छत्तीसगढ़ महिला आयोग (CHHATTISGARH Mahila Ayog) के पास कल एक अजीब मामला पहुंचा। इसमें दो बच्चियों ने आवेदन लगाया कि "बैड अंकल को हमारी मम्मी के पास से दूर करो"... रिपोर्टर ने इसी पंच लाइन से हमें इस खबर को बताया था।
पूरी खबर को देखने के बाद एहसास हुआ कि यह महत्वपूर्ण खबर है। इसलिए इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया गया।
मामला कुछ इस तरह है कि रायपुर नगर निगम Raipur Nagar Nigam में कार्यरत एक महिला के तीन बच्चे हैं, जिनमें दो बच्चियां है जो कि नाबालिग है। एक बेटा डेढ़ साल का है।
महिला अपने पति को छोड़कर किसी अन्य पुरुष के साथ रह रही है। उसने सिर्फ डेढ़ साल के बेटे को अपने पास रखा है। वहीं दोनों बेटियां अपने पिता के साथ है। महिला ने 4 महीने से अपना घर छोड़ दिया है।
कहीं से कोई उम्मीद नहीं दिखाई दी तो *बेटियों ने इस मामले में महिला आयोग से गुहार लगाई है। उन्होंने कहा है कि हमारी मम्मी को वापस बुलाया जाए। और "बैड अंकल को हमारी मम्मी के पास से दूर किया जाए"...*
इस मामले की सुनवाई चल रही है। छत्तीसगढ़ महिला आयोग ने अब बाल संरक्षण आयोग को मामला सौंपा है।
आज यह खबर तमाम वेबसाइट और नेशनल न्यूज़ का हिस्सा बन गई है।
पूरी खबर.....
'बैड अंकल को हमारी मम्मी के पास से दूर करो'
रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। बैड अंकल को मम्मी से दूर रखने के लिए दो बच्चियों ने महिला आयोग से गुहार लगाई है। आयोग ने बच्चियों की मां को पति के पास वापस जाने के लिए काफी समझाया लेकिन वह नहीं मानी। बताया जा रहा है कि पिछले चार महीने से बच्चियों को पति के पास छोड़कर आज महिला दूसरे आदमी के साथ रहने लगी है। महिला आयोग ने मामले को बाल संरक्षण आयोग को सौंप दिया है। बुधवार को एकबार फिर इस मामले को सुलझाने का प्रयास होगा।
मंगलवार को दोनों बच्चियां महिला आयोग के सामने उपस्थित हुई और बैड अंकल को मम्मी से दूर रखने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने गुहार भी लगाई कि उनकी मम्मी को वापस बुलाया जाए। महिला नगर निगम जोन कार्यालय में एआरआइ के पद पर कार्यरत है।
आयोग की अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक ने मामले की गंभीरता को देखते हुये तत्काल रायपुर नगर निगम कमिश्नर को फोन कर महिला को बुलवाया। महिला के साथ जोन कमिश्नर को भी बुलाया गया।
जोन कमिश्नर की मौजूदगी में महिला को समझाया गया कि वह अपने पति और बच्चों के पास चली जाए। समझाने के बावजूद महिला पर कोई असर नहीं हुआ और उसने स्पष्ट कह दिया कि वह पति के पास वापस नहीं जाएगी।
4 माह से बेटियों को छोड़ा, दूसरे आदमी संग रहने लगी
नगर निगम जोन कार्यालय में पदस्थ महिला के तीन बच्चे है। डेढ़ साल के बच्चे को अपने साथ लेकर वह दूसरे व्यक्ति के साथ रहती है। वहीं, 11 और सात साल की दो बेटियों को पिछले चार महीने छोड़ दिया है। बेटिया फिलहाल अपने पिता के पास है। दोनों मासूम बच्चिया कहती है कि मम्मी के बिना उन्हें कुछ भी अच्छा नहीं लगता है।
©® *पत्रकार रामकृष्ण डोंगरे की कलम से*
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