Wednesday, October 17, 2018

त्वरित टिप्पणी : अकबर वाकई इंसान है, लेकिन...

अकबर (पत्रकार एमजे अकबर और मोदी सरकार के पूर्व विदेश राज्य मंत्री) वाकई इंसान है। लेकिन सेक्स का भूखा...। उसके लिए लड़कियों की इच्छा कोई मायने नहीं रखती। वो सिर्फ उन्हें इस्तेमाल की चीज समझता हैं। इसी का परिणाम है कि देश और दुनिया में जारी मी टू मुहिम #MeToo #metooindia #MeToomoment में अपनी आपबीती लिखकर अब तक 20 महिलाएं उसको नंगा कर चुकी है। आगे और भी महिलाएं सामने आएंगी।

जो मर्द कहते फिरते हैं कि लड़कियां तो खुद अपने शरीर का इस्तेमाल करके कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ना पसंद करती हैं। वे जरा अपनी बेटियों, बहनों और बीवियों से ये सवाल पूछकर देखें। है हिम्मत तो। वर्ना सभी महिलाओं को एक चश्मे से देखना बंद करें।

सेक्स की जरूरत हर इंसान को होती है। लेकिन ये जरूरत जब भूख से ज्यादा बढ़ जाती है तो इंसान इंसान नहीं रहता। वो दरिंदा बन जाता है। भेड़िया बन जाता है। फिर अपने आसपास दिखने वाली हर लड़की या महिला को शिकार की नजर से देखता है।

ऐसा नहीं है कि ये भूख, हवस सिर्फ मर्दों में ही होती है। कई औरतें भी सेक्स की भूखी होती है। वे भी अपने आसपास मौजूद पुरुषों या लड़कों को शिकार बनाती है।

अकबर होगा बहुत बड़ा पत्रकार लेकिन मेरी नजर वो एक  अच्छा इंसान बिल्कुल नहीं हो सकता। इंसान वो होता है जो दूसरों की इच्छा का ख्याल करें। जोर जबरदस्ती या सीधे हमले करने वाला सिर्फ भेड़िया ही हो सकता है।

मी टू मुहिम से दुनियाभर के एक एक करके सभी भेड़िए सामने आने चाहिए।

//धन्यवाद मी टू मूवमेंट //


त्वरित टिप्पणी...

*रामकृष्ण डोंगरे*

_*पेशे से पत्रकार और एक अच्छा इंसान भी_