Saturday, November 23, 2013

प्याज 25 पैसे क्या महंगा हुआ... रायपुर हो गया था बंद !

(महंगाई डायन हो गई... आम आदमी सोच रहा है। आखिर क्या खाए.. और क्या पहने। उस पर हमारे नेताजी बयानों के तीर चला रहे है। कोई कहता है कि पांच रुपये, 12 बारह रुपये में भरपेट खाना मिलता है। हाल ही में एक नेताजी ने कहा कि गरीब दो सब्जी खाने लगे... इसलिए महंगाई बढ़ रही है। अब आप ही सोचिए। क्या सही और क्या गलत। सब्जियों के दाम 30-40 से लेकर 100 रुपये के पार चले गए। ऐसे में आम आदमी कह रहा है- रसोई में क्या बनाए, क्या खाए... और क्या फ्राई करें...। रायपुर से फ्राई-डे...फ्राइडे डायरी में इस बार प्याज की कीमत पर एक दिलचस्प वाकया। प्याज की कीमत 25 पैसे बढ़ गई थी तो रायपुर बंद...)

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'बेटा, प्याज की कीमत 25 पैसे बढ़ गई थी तो पूरा रायपुर बंद हो गया था सन 70 में।' कल वीकली ऑफ था। सामान खरीदने गया तो एक बुजुर्ग दुकानदार ने यह बात बताई। श्यामनगर में उनकी किराना दुकान है। बुजुर्ग बताने लगे कि सन 1980 से पहले उनकी दुकान रायपुर के बैरन बाजार इलाके में थी।

उस समय प्याज के दाम एक रुपये किलो थे। दुकान में हर सामान पर हम लोग पांच पैसे का पॉफिट या मार्जिन रखते थे। 1970 में अचानक प्याज के दाम 25 पैसे बढ़ गए। सवा रुपये किलो प्याज कोई खरीदना नहीं चाहता था। पूरा रायपुर बंद हो गया। लोग जगह-जगह धरना, प्रदर्शन करने लगे। कलेक्टर का इस मामले में हस्तक्षेप करने लगा।

रायपुर कलेक्टर ने व्यापारियों-दुकानदारों की एक मीटिंग बुलाई।

हम लोगों ने कलेक्टर से साफ तौर पर कह दिया- 'अगर आप हमें 95 पैसे प्रति किलो से प्याज उपलब्ध करा देते है तो हम उसे एक रुपये किलो में ही बेचेंगे।'

...आखिरकार कलेक्टर को हमारी बात माननी पड़ी।

हमें प्याज 95 पैसे प्रति किलो के हिसाब से मिला। तब जाकर प्याज के दाम एक रुपये किलो पर आए।

... और आज के हालात देखिए... देश में प्याज की कीमत 30-40-50 होते हुए 80-100 रुपये प्रति किलो हो गई। मगर कहीं कोई हंगामा नहीं। कोई विरोध-प्रदर्शन या बंद नहीं।

अब पहले जैसी बात नहीं रही...।

बुजुर्ग को अचानक नमक की याद आ गई। कहने लगे, बिहार और बंगाल में देखिए नमक क्या भाव बिक रहा है। 200-250-500 से लेकर 600 रुपये किलो। ये सब क्या है...।

कोई कुछ कहता ही नहीं।
कोई कुछ नहीं करता।

मुझे भी लगा... बुजुर्ग सही फरमा रहे है। आखिर हम कुछ कर क्यों नहीं पा रहे हैं ???


##रायपुर से फ्राई-डे (फ्राइडे) डायरी##