Monday, November 14, 2022

पिताजी की पुण्यतिथि : काश आप आज हमारे बीच होते...

|| ॐ || पिताजी की 16 वीं पुण्यतिथि || ॐ |

आज मेरे पिताजी स्व. श्री संपतराव डोंगरे की 16 वीं पुण्यतिथि है। साल 2006 में 15 नवंबर को ही वे अचानक हम सभी को छोड़कर इस दुनिया से दूर चले गए। 

मुझे याद है वो मनहूस दिन। जब मुझे भोपाल में एमजे की पढ़ाई के दौरान खबर मिली कि पिताजी (भाऊ) को अटैक आया है। जल्दी घर आ जाओ। किसी तरह देर रात को छिंदवाड़ा पहुंचा। फिर सुबह गांव। 

घर पहुंचते तक मेरी आंखों में आंसू का नामोनिशान नहीं था। मुझे इस बात पर यकीं नहीं हो रहा था कि पिताजी नहीं रहे। घर पहुंचकर जब वहां का माहौल और पिताजी का मृत शरीर देखा तो मेरे आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। बहुत मुश्किल से मुझे लोगों ने संभाला। 

हालांकि मेरा लगाव हमेशा मां से ज्यादा रहा। मां जहां प्रेरणास्त्रोत है। वहीं पिता की तरफ से हमेशा मुझे आजादी मिली। मन मुताबिक सब काम करने की। उनकी तरफ से कभी कोई रोक-टोक नहीं होती थी। एक बार वे मेरे लिए कुछ हजार रुपए लेकर भोपाल आए थे। ट्रेन में चोरी के डर से सारी रात जागते रहे। 

बड़ी बहन और हम तीन भाइयों की सभी जरूरतों वे बराबर ख्याल रखते थे। कभी किसी बात के लिए उन्होंने हमें मना नहीं किया। वे आज होते तो शायद घर-परिवार का माहौल अलग होता। उनके बगैर अब मां परिवार को संभाल रही है। अपनी जीविका के लिए हम दो छोटे भाई घर से दूर है। कभी बहुत याद आता है वो अपना घर- परिवार और सबको जोड़कर रखने वाले भाऊ। कहां चले गए वो दिन और वो लम्हें। 

पिताजी को सादर नमन और भावभीनी श्रद्धांजलि।
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आज पिताजी की पुण्यतिथि है।
उन्हें मैं हृदय से नमन करता हूं। 

आज मेरे पिताजी (भाऊ) श्री सम्पतराव डोंगरे जी को इस संसार को छोड़े हुए 16 बरस हो गए। उनकी याद हमेशा आती है। उस पल का याद नहीं करना चाहता, जब आप हमें छोड़कर हमेशा के लिए जा रहे थे। क्योंकि उस वक्त मैं सिर्फ रो रहा था। अपने आप को संभाल नहीं पा रहा था। 

आप रहते थे तो देखते कि आपके बच्चे क्या कर रहे हैं। काश आप होते तो हमें आपकी सेवा का अवसर मिलता।

अगर आप आज हमारे बीच होते तो हम
आपका 72वां जन्मदिन मना रहे होते।

आपने कभी कोई निर्णय या बंधन हम पर नहीं थोपा।
आप हमेशा मुझे खुद से फैसले लेने के प्रेरित करते थे।

कोशिश करता हूं कि आपकी तरह बनूँ।
मुझसे कभी किसी को बुरा नहीं हो।
हमेशा दूसरों की सहायता करूं।

विनम्र श्रद्धांजलि

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