Saturday, December 25, 2010

डोंगरे का बीवीनामा

महिलाओं को शादी के बाद अपना सारा व्यक्तित्व, अपनी सारी काबिलीयत पति- बच्चे और परिवार पर न्यौछावार कर देनी चाहिए। देश कोई चीज नहीं हैं या...। चलिए देश की बात छोड़ भी दें, तो क्या आदमी का अपना कोई अस्तित्व नहीं होता ... अपनी कोई पहचान नहीं होती है... जब पुरूषों को अपनी पहचान, अपना अस्तित्व प्यारा होता है... तब महिलाएं क्यूँ न अपना अस्तित्व, अपना वजूद बनाए...। डोंगरे का बीवीनामा

http://dongretrishna.blogspot.com/2008/02/blog-post_26.

मशहूर ब्लॉगर रवि रतलामी की वेबसाईट रचनाकार पर भी पढिये,

एक सिम्पल मैन का बीवीनामा http://rachanakar.blogspot.com/2007/12/blog-post_24.html

Friday, December 24, 2010

"भारती भा गई !!!"


"भारती भा गई !!!"

तिलक का हो गया शगुन
मिल गए सारे गुण
शादी की घडी आ गई
डोंगरे को भारती भा गई

कोई मिल गया
दिल का फूल खिल गया
जन्मों का रिश्ता मिल गया
साथ निभाने का वचन हो गया

आयोजन हुआ तिलक का
19 दिसम्बर रविवार
हो गया डोंगरे को
भारती से प्यार

dear all pls meet my soulmate "BHARTI"(soon would be mrs dongre)

Saturday, December 18, 2010

डोंगरे दुल्हनिया ले जाएगा

dongretrishna.blogspot.कॉम पर blogvani का ये डोंगरे क़ी डायरी ब्लॉग है ... अब आप रामकृष्ण से समाचार सुनेगें ...

डोंगरे दुल्हनिया ले जाएगा ...

जी हाँ डोंगरे को अपनी दुल्हनिया मिल गई है ... और वे chhindwara से अपनी दुल्हनिया ले जाएंगे ....
अब समाचार समाप्त होते है ...

तो दोस्तों शुभ समाचार आपको मिल ही गया ...

मैं chhindwara में हूँ और ना चाहते हुए भी रेडियो क़ी स्टाइल को कापी करना नहीं छोड़ पाया ।