Thursday, September 21, 2017

गौरव अरोरा ने कहा - मैं वाट्सएप का बहिष्कार करता हूं

[9/21, 1:18 PM] Gaurav Arora: मैं वर्तमान में 100 से भी अधिक WhatsApp ग्रुप का सदस्य हूं। और प्रतिदिन लगभग 5000 से भी ज्यादा मैसेजेस जाते हैं। जिसमें एक या दो मैसेज इसके अलावा सभी मैसेजेस गुड मॉर्निंग, गुड नाइट, हैप्पी दिवाली, हैप्पी दशहरा, हैप्पी फलाना, हैप्पी ढिमका आदि निरर्थक सारहीन उद्देश्यहीन संदेश होते हैं।

इससे ना सिर्फ मेरा डाटा, फोन की मेमोरी और मोबाइल की बैटरी डाउन होती हैं बल्कि मेरा अमूल्य समय भी नष्ट होता है।

इसके अलावा लोगों को शिकायत होती है कि आपको WhatsApp किया था आपने देखा नहीं। आप लापरवाह हो या आप हमारे मैसेज या हमें महत्व नहीं देते आप घमंडी हो।

मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं। और मेरे पास समय का अभाव होता है अतः जिन्हें भी मुझसे गुड मॉर्निंग, गुड इवनिंग हैप्पी दिवाली, हैप्पी दशहरा कहने की इच्छा हो वह या तो मुझे अपने पास बुला ले या मेरे घर आ जाएं, मुझे हार्दिक प्रसन्नता होगी।

मैं अब इस फूहड़ता और बकवास से तंग आ चुका हूं,  इसलिए WhatsApp के सभी ग्रुप से एग्जिट कर रहा हूं।

मेरे इस तरह अपने समय का सदुपयोग करने के उद्देश्य से  सभी ग्रुप से एग्जिट होने से मेरे आप में से किसी भी व्यक्ति से व्यक्तिगत संबंध खराब नहीं होंगे ऐसी मेरी आशा है ।

इसके बावजूद जिस भी व्यक्ति को बुरा लग रहा हो निश्चित रूप से वह व्यक्ति मुझसे संबंध निभाने के लायक नहीं है अतः उसे मैं क्षमा याचना नहीं करूंगा ।

धन्यवाद

आपका गौरव अरोरा
बिजनेसमैन, छिंदवाड़ा
जिला छिंदवाड़ा
मध्यप्रदेश

मैं वाट्सएप से त्रस्त हूँ और वाट्सएप का बहिष्कार करता हूँ।

कृपया जो भी व्यक्ति मुझसे संवाद करना चाहे, मुझे कॉल करे, SMS करे, मिलने आ जाए या मुझे मिलने बुलवा ले।

गौरव अरोरा आगे लिखते हैं,

WhatsApp एक बहुत सशक्त माध्यम है किंतु इसके दुरुपयोग ने बहुत से लोगों को निराश किया है ।

मैं कम से कम 10 बहुत सफल अरबपति व्यापारी या बहुत सफल लेखक या बहुत सफल प्रशासनिक अधिकारी, बहुत सफल प्रोफेसर मित्रों को जानता हूं। जिन्होंने चुनिंदा WhatsApp ग्रुप बना रखे हैं और उसमें बड़े अनुशासन का पालन करते हैं।

मेरा नाम गौरव अरोरा। आयु 42 वर्ष। निवासी - छिंदवाड़ा,  मध्यप्रदेश। प्रोपराइटर पंजाब साइंस एवं Sports। हमारा
प्रतिष्ठान 14 से भी अधिक राज्यों में स्वास्थ्य विभाग को  एनुअल मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट सेवाएं देता है। जिसमें हम वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के रजिस्टर्ड भारत में कुल 3 रजिस्टर्ड सर्विस प्रोवाइडर हैं। जिसमें से हम एक हैं।

अपने व्यवसाय के कारण मुझे बहुत व्यस्त होना होता है। इसके अतिरिक्त मैं जबलपुर यूनिवर्सिटी से बैचलर इन होम्योपैथी का साढे 5 वर्ष का फुल टाइम  बीएचएमएस  कोर्स कर रहा हूं। एवं तृतीय वर्ष में अध्यनरत हूं। इसके कारण भी मुझे बहुत बहुत व्यस्त रहना होता है। इसके अलावा मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से 1998 में MBA किया था और अभी मैं कई मल्टीनेशनल कोल कंपनीज में कोऑर्डिनेटर और फ्रीलांस एडवाइजर के रूप में कार्य करता हूं। साथ ही इग्नो के MBA प्रोग्राम का छिंदवाड़ा में काउंसलर एवं गेस्ट फेकल्टी हूं। आईआईएम अहमदाबाद की गेस्ट फैकल्टी हूं। साथ ही बेंगलुरु यूनिवर्सिटी की भी गेस्ट फैकल्टी हूं।

इतनी सब व्यस्तताओं के कारण मैं सुबह 5:00 बजे से रात्रि 11:00 बजे तक अनवरत कार्य करता हूं। दोपहर में सिर्फ 1 घंटे विश्राम करता हूं। WhatsApp से मुझे ऐसी आशा थी कि मैं अपने समय का पहले से भी बेहतर उपयोग कर पाऊंगा। किंतु हताशा के साथ-साथ निराशा भी है कि WhatsApp पर जोड़ने वाले अधिकांश लोग इस माध्यम के सामान्य शिष्टाचार और अनुशासन का पालन नहीं करते। इस कारण वह लोग जो व्यस्त रहते हैं उन्हें बहुत परेशान होना पड़ता है। इसलिए मैंने इस माध्यम का तब तक बहिष्कार करने का निर्णय किया है जब तक लोग इसके सामान्य शिष्टाचारों से परिचित नहीं हो जाते, जिन्होंने चुनिंदा whatsapp ग्रुप बना रखे हैं और उसमें बड़े अनुशासन का पालन करते हैं।

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