Sunday, November 27, 2016

विभूति का सवाल : देश बदल रहा है, आप कब बदलोगे...

युवा कवयित्री विभूति दुग्गड़ मुथा
  • दुबई में रह रहीं रायपुर की युवा कवयित्री विभूति मुथा की कविताओं ने लोगों के दिलों को छुआ
  • लोगों ने कविताओं के वीडियो को वाट्सएप, फेसबुक और यूट्यूब पर खूब शेयर किया
रामकृष्ण डोंगरे

रायपुर। नोटबंदी के पक्ष में सोशल मीडिया पर कई कविताएं काफी वायरल हो रही हैं। इनमें से कुछ कविताएं हमारे शहर की मूल निवासी युवा कवयित्री विभूति दुग्गड़ मुथा की भी हैं। उनकी ज्यादातर कविताएं अभी वीडियो के रूप में ही मौजूद हैं। देशभर में सबसे ज्यादा शेयर हो रही उनकी कविता, बदलाव भी चाहते हैं और बदलना भी नहीं चाहते...को अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों ने देखा है। उनके यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज से लोग वीडियो डाउनलोड करके शेयर कर रहे हैं।
केंद्र सरकार के विमुद्रीकरण के फैसले को लेकर लोगों में उम्मीद जगाने वाली इन कविताओं ने लोगों के दिलों को छू लिया है। उनकी कुछ कविताओं की बानगी देखिए- जुगाड़ लगाना है तो सही जगह लगाओ, क्या-क्या बंद करोगे, लोगों की आवाज कैसे बंद करोगे, नहीं मैं नेता नहीं बनना चाहती, देश बदल रहा है, आप कब बदलोगे....

छत्त्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कलेक्टोरेट के पीछे स्थित रविनगर निवासी समाजसेवी विजय दुग्गड़ और साधना दुग्गड़ की बेटी विभूति इन दिनों दुबई में रहती हैं। मोटिवेशनल ट्रेनर विभूति बताती हैं कि 8 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने जब इस फैसले का ऐलान किया तो देशभर में काफी चर्चाएं होने लगीं। इनमें दोनों तरफ से लोगों की प्रतिक्रिया आ रही थी। मुझे लगा कि पहली बार हमारे देश में किसी नेता ने इस दिशा में गंभीरतापूर्वक सोचा है। तब मैंने 12 नवंबर को इस पर पहली कविता लिखी- बदलाव भी चाहते हो और बदलना भी नहीं चाहते... इस कविता को हजारों लोगों ने पसंद किया। मेरे फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर लोगों के काफी अच्छे कमेंट्स आए। इसके बाद मैंने कई कविताएं लिखीं।

बुजुर्ग सीए ने फोन करके आशीर्वाद दिया
विभूति ने बताया कि उनसे देश के कई शहरों से लोग संपर्क कर रहे हैं। अहमदाबाद के एक बुजुर्ग सीए ने उन्हें फोन करके कहा कि बिटिया आपकी कविता ने मुझे झकझोर दिया है। आप लोगों को प्रेरित कर रही हैं। मेरी शुभकामनाएं और आशीर्वाद आपके साथ है। वे कहती हैं कि अहमदाबाद, हैदराबाद, बेंगलूरू, जयपुर, रायपुर, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई,वडोदरा से लोग वाट्सएप के स्क्रीनशॉट टैग कर रहे हैं। फेसबुक मैसेंजर पर भेज रहे हैं।

बेटी ने देश के लिए लिखा, बहुत खुश हूं
विभूति के पिता विजय दुग्गड़ कहते हैं, बेटी ने दुबई में रहकर भी देश के माहौल को लेकर सोचा और अच्छी कविताएं लिखीं, मैं बहुत खुश हूं। हमें गर्व है। मैंने विभूति का वीडिया अपने मित्रों को भी भेजा है, सभी उसे पसंद कर रहे हैं।

2004 से लिख रहीं कविताएं
मोटिवेशनल कविताओं के सफर के बारे में विभूति ने बताया कि उन्होंने 2004 से कविताएं लिखना शुरू किया। इसकी प्रेरणा उन्हें अपने कॉलेज में एक सहपाठी से मिली। उनके यूट्यूब चैनल को 2 हजार 62 लोगों ने सब्सक्राइब किया है। बदलाव वाली कविता को डेढ़ लाख से ज्यादा पेज व्यू मिले हैं। वहीं, जुगाड़ वाली कविता को अब 50 हजार लोगों ने पसंद किया है।
  1. यूट्यूब चैनल को 2062 लोगों ने सब्सक्राइब किया है।
  2. बदलाव वाली कविता को डेढ़ लाख से ज्यादा पेज व्यू मिले है।
  3. जुगाड़ वाली कविता को अब 50 हजार लोगों ने पसंद किया है।
  4. सभी कविताओं को अब तक चार लाख से ज्यादा लाइक-कमेंट्स।
विभूति का फेसबुक पेज
https://www.facebook.com/poetrywithpurposebyvibhuti/

दैनिक भास्कर रायपुर में रामकृष्ण डोंगरे की रिपोर्ट, 27 नवंबर, 2016

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