tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post6902245358829616990..comments2023-11-03T00:30:08.115-07:00Comments on DONGRE की डायरी: नहीं रहे मयाराम काकाChhindwara chhavihttp://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-27730642266351128702008-05-30T12:51:00.000-07:002008-05-30T12:51:00.000-07:00इक़ मर्म को बयान करने के बाद जिस तरह आपने ज़ख्मों ...इक़ मर्म को <BR/>बयान करने के बाद जिस तरह आपने ज़ख्मों को मरहम के लिए सचेत किया है...<BR/>प्रशंसनीय है. <BR/><BR/>लोगों में जागरूकता बड़े, इससे बड़ी दूजी कोई श्रन्धांजलि शायद ही हो. <BR/>आगे क्या लिखूं...<BR/><BR/>जितना पढा...<BR/><BR/>मेरा फसाना भी साथ-साथ चला <BR/>वो ज़ख्मों की तसीरों में ही मर गये...<BR/>वो ज़ख्म हर पल मेरे साथ-साथ रहा <BR/>लिफाफे को देखके मजमून समझ आया <BR/>यूँ मैंने हर्फ़ Chhindwara chhavihttps://www.blogger.com/profile/13061545216098980862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-53711484314531083872008-05-29T09:21:00.000-07:002008-05-29T09:21:00.000-07:00इक़ मर्म को बयान करने के बाद जिस तरह आपने ज़ख्मों ...इक़ मर्म को बयान करने के बाद जिस तरह आपने ज़ख्मों को मरहम के लिए सचेत किया है...प्रशंसनीय है. लोगों में जागरूकता बड़े, इससे बड़ी दूजी कोई श्रन्धांजलि शायद ही हो. आगे क्या लिखूं...<BR/>जितना पढा...<BR/>मेरा फसाना भी साथ-साथ चला <BR/>वो ज़ख्मों की तसीरों में ही मर गये...<BR/>वो ज़ख्म हर पल मेरे साथ-साथ रहा <BR/>लिफाफे को देखके मजमून समझ आया <BR/>यूँ मैंने हर्फ़ हर्फ़ पढ़ने से खुद को बचाया...<BR/><BRAmit K Sagarhttps://www.blogger.com/profile/15327916625569849443noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-19283761753706259532008-05-28T00:38:00.000-07:002008-05-28T00:38:00.000-07:00मयाराम काका के निधन की सूचना एक दुखद सन्देश है . इ...मयाराम काका के निधन की सूचना एक दुखद सन्देश है . इश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे ....ये बेहद ज़रूरी है अब हार्ट अटैक के विषय में छोटे छोटे देहातों में भी चेतना फैलायी जाये .मयाराम काका मंच पर दमदार अदाकार थे ..उनके निधन का मुझे भी बेहद दुःख है ....इस घडी में मैं पूरी तरह आपके परिवार के साथ हूँ <BR/>ॐ शांति !! शांती!! शांती<BR/>अमिताभअमिताभhttps://www.blogger.com/profile/10649523657417802172noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5589444692634815635.post-72390632317857091062008-05-27T18:27:00.000-07:002008-05-27T18:27:00.000-07:00मयाराम काका और पिताजी को श्रदांजलि एवं नमन.कमलनाथ ...मयाराम काका और पिताजी को श्रदांजलि एवं नमन.<BR/><BR/>कमलनाथ जी से मिलकर एक अभियान चलवा दिजिये वहाँ, हृदय रोगों की प्रति जागरुकता का. अगर मेरे लायक कुछ हो, तो कहें. बहुत साधुवादी कार्य होगा.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com